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UP NEWS: ठगों ने UPI से ठगी का निकाला नया पैंतरा, बरतें ये सावधानि‍यां

UP NEWS: ठगों ने UPI से ठगी का निकाला नया पैंतरा, बरतें ये सावधानि‍यां

संभल: डिजिटल युग में जहां यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ने लेन-देन को आसान और तेज बनाया है, वहीं साइबर अपराधियों ने इस तकनीक का दुरुपयोग कर ठगी के नए हथकंडे अपनाए हैं। यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों का विश्वास और बढ़ती निर्भरता ने इसे साइबर ठगों के लिए एक नया शिकार क्षेत्र बना दिया है। बहजोई और उसके आसपास के इलाकों में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां तकनीकी जानकारी की कमी और भावनात्मक चालों का फायदा उठाकर ठगी की गई है।


कैसे होता है धोखा?

साइबर अपराधियों का तरीका बेहद चतुर और भावनात्मक रूप से लोगों को फंसाने वाला है। वे अनजान नंबर से फोन करके खुद को आम आदमी या जरूरतमंद बताते हैं। कॉल पर वे यह दावा करते हैं कि गलती से आपके खाते में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं। इसके बाद वे पीड़ित को एक लिंक भेजते हैं और अनुरोध करते हैं कि उस लिंक पर क्लिक करके बैलेंस चेक करें।


लिंक एक फिशिंग वेबसाइट पर ले जाती है, जहां व्यक्ति को यूपीआई पिन दर्ज करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही पीड़ित पिन दर्ज करता है, ठग उसके खाते तक पहुंच बना लेते हैं और धनराशि निकाल लेते हैं। इस ठगी की सबसे खतरनाक बात यह है कि यह इतनी चालाकी से की जाती है कि व्यक्ति को शुरुआत में इस धोखे का अहसास भी नहीं होता।


रामकुमार की सतर्कता:

बहजोई थाना क्षेत्र के पाठकपुर निवासी रामकुमार को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उसने गलती से उनके खाते में ₹5000 ट्रांसफर कर दिए हैं। इसके बाद उसने बैलेंस चेक करने के लिए एक लिंक भेजा। रामकुमार ने लिंक पर क्लिक तो किया, लेकिन पिन दर्ज करने से पहले सतर्क हो गए, जिससे वे ठगी का शिकार होने से बच गए।


प्रमोद कुमार का नुकसान:

धनारी थाना क्षेत्र के मानकपुर निवासी प्रमोद कुमार को एक महिला ने फोन किया। उसने दावा किया कि उसके पिता अस्पताल में भर्ती हैं और उसने गलती से प्रमोद के खाते में ₹2500 ट्रांसफर कर दिए हैं। भावनात्मक बातें कर उसने बैलेंस चेक करने के लिए एक लिंक भेजा। प्रमोद ने लिंक पर क्लिक किया और जैसे ही पिन डाला, उनके खाते से ₹2500 कट गए।


साइबर पुलिस की कार्रवाई और सलाह

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है।


सावधानी बरतने के उपाय:

किसी अज्ञात नंबर से आए कॉल या लिंक पर भरोसा न करें।

यूपीआई पिन या बैंक खाते की जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

भावनात्मक बातों में आकर किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें।

किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर पुलिस को सूचना दें।


प्रशासन का जागरूकता अभियान

साइबर अपराधों से बचाव के लिए पुलिस प्रशासन ने विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। बैनर, पोस्टर और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। साइबर सुरक्षा विभाग लगातार लोगों को डिजिटल लेन-देन में सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित कर रहा है। डिजिटल युग ने जहां सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं खतरे भी बढ़े हैं। ठगी के ऐसे मामलों से बचने के लिए हमें तकनीकी रूप से सतर्क और जागरूक होना होगा। यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय सावधानी और साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन ही ठगों के जाल में फंसने से बचा सकता है। अगर ठगी का शिकार हो जाएं, तो समय रहते साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करना सबसे प्रभावी उपाय है।

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