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Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी ने किया कमबैक, अब श्रीयामाई ममतानंद गिरि कहलाएंगी!, वीडियो जारी कर दी जानकारी

Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी ने किया कमबैक, अब श्रीयामाई ममतानंद गिरि कहलाएंगी!, वीडियो जारी कर दी जानकारी

प्रयागराज: फिल्मी दुनिया से अध्यात्म की ओर रुख करने वाली ममता कुलकर्णी, जिन्हें अब श्रीयामाई ममतानंद गिरि के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में अपना निर्णय बदलते हुए महामंडलेश्वर की पदवी बनाए रखने का ऐलान किया है। गुरुवार की शाम एक वीडियो संदेश जारी करते हुए ममता ने बताया कि दो दिन पहले उनके पट्टागुरु डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे, जिसके कारण उन्होंने महामंडलेश्वर की पदवी से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन डॉ. त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। इसके बाद ममता ने अपना निर्णय बदलते हुए पदवी बनाए रखने का फैसला किया।


ममता ने अपने संदेश में कहा, "जो भेंट मैंने डॉ. लक्ष्मी नारायण को दी थी, वह छत्र, चंवर, छड़ी और भंडारे के लिए थी। मैं अपना जीवन किन्नर अखाड़े और सनातन धर्म के लिए समर्पित करती हूं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किन्नर समाज की सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का है।


ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े में हुआ था, और उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी द्वारा नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरि दिया गया था। हालांकि, ममता के महामंडलेश्वर बनने के बाद कई संतों ने इसका विरोध किया था। उनका आरोप था कि ममता का अंडरवर्ड से संबंध है और उन पर देशद्रोह का आरोप है, ऐसे व्यक्ति को इस पद पर आसीन करना अनुचित है।


इसके अलावा, 10 फरवरी को हिमांगी सखी से मारपीट का मामला सामने आया, जिसमें आरोप था कि डॉ. लक्ष्मी नारायण के शिष्यों ने ममता कुलकर्णी का विरोध करने पर हिमांगी सखी को पीटा था। इस घटनाक्रम के बाद ममता ने पहले महामंडलेश्वर की पदवी से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने इस पदवी को बनाए रखने का निर्णय लिया है।


  • ममता कुलकर्णी का यह कदम किन्नर समाज और सनातन धर्म की सेवा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है, और वह आगे भी अपने उद्देश्य के लिए काम करती रहेंगी।

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