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Mahakumbh 2025: 5 फरवरी को महाकुंभ में डुबकी लगाएंगे पीएम मोदी, जानिए पूरा कार्यक्रम..

Mahakumbh 2025: 5 फरवरी को महाकुंभ में डुबकी लगाएंगे पीएम मोदी, जानिए पूरा कार्यक्रम..

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को माघ महीने की अष्टमी तिथि पर प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करेंगे। इस दौरान वह गंगा की पूजा करेंगे और देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। महाकुंभ के पहले 13 दिसंबर 2024 को भी प्रधानमंत्री मोदी ने संगम तट पर गंगा पूजा कर इस महाआयोजन के सफल संपन्न होने की मंगलकामना की थी। वर्ष 2019 के कुंभ मेले के दौरान भी वह संगम आए थे और इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया था।


प्रधानमंत्री मोदी का लगभग एक घंटे का महाकुंभ नगर में कार्यक्रम प्रस्तावित है। वह बमरौली एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह लगभग 10 बजे विशेष विमान से पहुंचेंगे। इसके बाद तीन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से अरैल स्थित डीपीएस मैदान के हेलीपैड पर उतरेंगे, जहां से कार द्वारा वीआईपी जेटी जाएंगे। इसके बाद निषादराज क्रूज के जरिए वह संगम में डुबकी लगाएंगे।


स्नान के बाद प्रधानमंत्री मोदी गंगा की पूजा करेंगे और संगम तट पर मौजूद विभिन्न अखाड़ों, आचार्यवाड़ा, दंडीवाड़ा और खाकचौक के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। यह कार्यक्रम लगभग एक घंटे तक चलेगा, जिसके बाद प्रधानमंत्री वहां से लौट जाएंगे।


प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर प्रयागराज से लेकर महाकुंभ मेला क्षेत्र तक व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार को एयर, वाटर फ्लीट रिहर्सल हुआ, जबकि मंगलवार को रोड फ्लीट रिहर्सल किया गया। प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक पहले ही बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंच जाएंगे।


प्रधानमंत्री मोदी का 2019 का कुंभ में भाग लेने का अनुभव भी बेहद खास था। उस समय उन्होंने स्वच्छता कर्मियों के पांव पखारकर सामाजिक समरसता का अनूठा संदेश दिया था। यह पल न सिर्फ स्वच्छता कर्मियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अविस्मरणीय बन गया था। प्रधानमंत्री ने पांच स्वच्छता कर्मियों के पांव धोकर और उन्हें सम्मानित कर समाज में एकता और समरसता का प्रतीक प्रस्तुत किया।


इसके अलावा, 2019 में जब कुंभ का आयोजन हुआ था, तो प्रधानमंत्री ने अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की घोषणा की थी, जो 450 वर्षों से कैद था। उन्होंने कुंभ की समाप्ति पर भी संगम में डुबकी लगाने के बाद स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित किया था, जो एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण था। इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ कार्यक्रम का आयोजन केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं होगा, बल्कि यह सामाजिक समरसता, स्वच्छता और एकता के संदेश को भी मजबूती से आगे बढ़ाएगा।

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