एडीसीपी, डीसीपी, एसीपी सहित 50 दारोगा सहित और 50 सिपाहियों के खिलाफ वाद दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला

Varanasi - खबर यूपी में महादेव की नगरी वाराणसी से जुड़ी है। जहां वाराणसी में पुलिस और वकीलों के बीच चल रहा विवाद अब और गंभीर हो गया है। वकीलों ने पुलिस अधिकारियों पर गाली-गलौज और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अदालत में वाद दायर किया है। राघवेंद्र नारायण दुबे, जो बनारस बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं, ने प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है।
किन पुलिस अधिकारियों पर लगा आरोप?
इस प्रार्थना पत्र में एडीसीपी नीतू, एसीपी नितिन तनेजा, एसीपी विदुष सक्सेना, कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्र और करीब 50 दारोगा और 50 सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। वकील दुबे ने आरोप लगाया है कि 16 सितंबर को एक विवाद के बाद कैंट इंस्पेक्टर और कचहरी चौकी इंचार्ज ने कचहरी के गेट नंबर दो पर ताला लगा दिया और वकीलों पर पथराव किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने न्यायिक अधिकारियों और वकीलों को अपशब्द कहे।
कोर्ट पहुंचा मामला
अदालत ने वकील राघवेंद्र नारायण दुबे के प्रार्थना पत्र को प्रकीर्ण वाद (miscellaneous case) के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी। वकीलों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
वकीलों में आक्रोश, आगे की रणनीति पर विचार
इस घटना से वाराणसी का पूरा वकील समुदाय आक्रोशित है। वकीलों का कहना है कि उन्हें अपने पेशेवर काम में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। वे पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं।
अब सभी की निगाहें 29 सितंबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जब अदालत इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी और यह तय होगा कि आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।