DESK - यूपी में अपराध के खिलाफ सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति से पुलिसवाले भी सुरक्षित नहीं हैं। जिसका एक बड़ा उदाहरण चंदौली जिले से सामने आया है। जहां तीन साल पुराने मामले में एक सिपाही की शिकायत पर एसपी अमित कुमार (द्वितीय), तत्कालीन कोतवाल, दारोगा सहित 18 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध नंदगंज थाना में आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि, इस एफआईआर पर अभी कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है
विभाग में चल रही अवैध वसूली का किया था भंडाफोड़
दरअसल, साल 2021 में चंदौली में तैनात सिपाही अनिल कुमार सिंह ने पुलिस वालों द्वारा की जा रही अवैध धन वसूली का भंडाफोड़ किया था। SIT जांच में सिपाही के आरोपों को सही पाया गया था, जिसके बाद तत्कालीन एसपी अमित कुमार के साथ सभी 18 पुलिस वाले सिपाही अनिल की जान के पीछे पड़ गए। सिपाही अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि रसूखदार अफसरों ने इस भंडाफोड़ के बाद चार लोगों की हत्या कराकर उसका भी अपहरण करने प्रयास का किया था।
थाने में नहीं सुनी शिकायत, केस दर्ज करने से भी किया था मना
आरोप है कि जुलाई, 2021 को ससुराल से उसके अपहरण की असफल कोशिश की गई थी. जिसके बाद अनिल द्वारा नंदगंज थाने में तहरीर दी गई, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। आखिर में मामला सीजीएम कोर्ट 156/3 में गया, फिर हाईकोर्ट गया, जहां से केस दर्ज करने का आदेश पारित हुआ। लेकिन फिर भी केस दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में कंटेंम्ट के आदेश पर आखिरकार 27 नवंबर को केस दर्ज हुआ। हाईकोर्ट के आदेश पर इन सभी पुलिस वालों के खिलाफ लगभग तीन साल बाद कल नंदगंज थाने में लगभग 10 संगीन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
सिपाही ने वायरल कर दी थी वसूली की लिस्ट
पूरा मामला 2021 में पुलिस के कथित संगठित अपराध और मासिक 12,50,000 रुपये वसूली से जुड़ा हुआ है और बहुत ही गंभीर है। उस वक्त अनिल चंदौली में तैनात था। जहां उसके ही महकमे में जमकर पैसों की वसूली की जा रही है। ऐसे की कुछ वसूली से जुड़े मामलों की लिस्ट अनिल ने वायरल कर दी थी। जब विजिलेंस की डीआईजी ने इसकी जांच की तो सारे आरोप सही मिले। वहीं दूसरी तरफ सिपाही की यह करतूत जिले के एसपी को नागवार गुजरी, उन्होंने उसे सस्पेंड कर दिया।
केस से जुड़े चार लोगों की हत्या के बाद भी नहीं टूटी हिम्मत
इसके बाद एसपी, इंस्पेक्टर आदि बदले की भावना से ग्रस्त होकर योजनाबद्ध तरीके से सिपाही को फर्जी मुकदमे में फंसाने में लग गए. जब ये नहीं हो पाया तो उसके अपहरण व हत्या की असफल कोशिश करवाई। वहीं, इसी दौरान करप्शन उजागर करने में शामिल रहे अन्य चार लोगों की हत्या हो गई। कई बार शिकायत करने के बावजूद पीड़ित सिपाही का मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. जिसके चलते पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। जहां कोर्ट ने सिपाही की बात सुनी और सभी आरोपियों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए।
पीड़ित अनिल वाराणसी का रहने वाला है. जबकि, गाजीपुर के नंदगंज के ग्राम बड़सरा में उसकी ससुराल है