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Mau news: मऊ के देवलास में 40 साल बाद पशु मेले की वापसी, 5 लाख में मिल रहे घोड़े के बच्चे

40 साल बाद देवलास में पशु मेले की वापसी से क्षेत्र में उत्साह और खुशियों का माहौल है। यह मेला न केवल पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित करता है, बल्कि क्षेत्रीय पशुपालकों और व्यापारियों को भी एक नई आशा प्रदान करता है।

 Mau news: मऊ के देवलास में 40 साल बाद पशु मेले की वापसी,  5 लाख में मिल रहे घोड़े के बच्चे
मऊ के देवलास में 40 साल बाद पशु मेले की वापसी- फोटो : social media

Mau news: उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक स्थित देवलास में इस वर्ष 40 साल के अंतराल के बाद ऐतिहासिक पशु मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले में घोड़े और भैंस जैसे पशुओं की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में किसान और पशुपालक उमड़े हैं। मेले का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय ने किया, जिसने क्षेत्र की पुरानी परंपराओं को फिर से जीवित कर दिया।

मेले में उमड़ी लोगों की भीड़ और पुराने दिनों की यादें

इस मेले के आयोजन से पुरानी यादें फिर से ताजा हो गई हैं। 40 साल पहले, यह मेला हाथी, घोड़े, और भैंस जैसी जानवरों की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन विभिन्न कारणों से यह परंपरा टूट गई थी। इस बार दिल्ली, मेरठ और राजस्थान जैसे दूर-दराज के इलाकों से भी लोग इस मेले में पहुंचे हैं। लोगों में खुशी की लहर है कि इतने समय बाद यह परंपरागत मेला फिर से लौटा है, जिसमें उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पशुओं की खरीदारी का अवसर मिल रहा है।

घोड़े और भैंस के बच्चों की अच्छी कीमतें

मेले में घोड़े और भैंस के बच्चों की अच्छी कीमतें लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। समाजसेवी संतोष सिंह ने बताया कि इस परंपरा को पुनः स्थापित करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सभी के प्रयासों से यह मेला सफलतापूर्वक आयोजित हो सका है। इस मेले में घोड़े के बच्चों की कीमत ₹50,000 से लेकर ₹5 लाख तक पहुँच रही है। यहाँ विभिन्न नस्लों के घोड़े और भैंस के बच्चे उपलब्ध हैं, जिनकी कीमतें उनकी नस्ल और गुणवत्ता के अनुसार तय की गई हैं।

पशुपालकों और घोड़े पालकों के लिए एक सुनहरा अवसर

इस मेले की शुरुआत से न केवल देवलास बल्कि आसपास के क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए भी यह एक सुनहरा अवसर बन गया है। बहुत से ऐसे लोग जो घोड़ा या अन्य पशु खरीदने की इच्छा रखते थे लेकिन उन्हें सही जानवर नहीं मिल पाते थे, अब इस मेले से अपनी जरूरत के जानवर खरीद सकेंगे। इस मेले से पशुपालकों को अपने पशुओं की खरीद-फरोख्त में सहूलियत मिलने के साथ-साथ स्थानीय पशु व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।

मेले की वापसी से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

इस मेले के पुनः आयोजन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्रीय किसानों और पशुपालकों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। साथ ही, देवलास और इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि मेला क्षेत्र में आने वाले लोग स्थानीय सामानों और सेवाओं का उपयोग करेंगे। 

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