UP NEWS: उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने एनडीए को बड़ी हार दी, जिसके बाद से सपा कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। इसी माहौल में, अखिलेश यादव के जन्मदिन (1 जुलाई) के मौके पर सपा कार्यालय में लगे एक पोस्टर ने खासा ध्यान खींचा है। इस पोस्टर में अखिलेश यादव को 'सत्ताइस का सत्ताधीश' करार दिया गया है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव में उनकी जीत की भविष्यवाणी करता है।
अखिलेश यादव: 2027 के 'सत्ताधीश'?
संतकबीरनगर के मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से सपा नेता जयराम पांडेय द्वारा जारी इस पोस्टर में अखिलेश यादव को 2027 के चुनाव का विजेता दिखाया गया है। राजधानी लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए इन पोस्टरों पर लिखा है, "24 में बरसा जनता का आशीष, दीवारों पर लिखा है, कौन होगा सताइस का सत्ताधीश।" पोस्टर को काले बैकग्राउंड में तैयार किया गया है, जो इसे और भी प्रभावशाली बनाता है। इस प्रकार के पोस्टर को राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें नेता को जनता की नजरों में उभरता चेहरा दिखाने की कोशिश की जाती है। यह पोस्टर सपा के कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने और 2027 के चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों को धार देने के मकसद से लगाया गया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सपा की रणनीति
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले के तहत भाजपा को कड़ी टक्कर दी और एनडीए के खिलाफ जीत दर्ज की। इस सफलता से प्रेरित होकर, सपा ने अब आगामी विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए इसी फॉर्मूले को अपनाने की योजना बनाई है। अखिलेश यादव लगातार अपनी राजनीति को इसी दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं और अपने समर्थकों के बीच यह संदेश दे रहे हैं कि 2027 में सपा का भविष्य उज्ज्वल है।
भाजपा की नई रणनीति: 'बंटेंगे तो कटेंगे'
वहीं, भाजपा ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को अपनाया है, जो पहले हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सफल रहा। अब यह नारा उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भी सुर्खियां बटोर रहा है। योगी आदित्यनाथ की इस रणनीति को भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समर्थन मिल रहा है और इसे आगामी चुनाव में भाजपा के ध्रुवीकरण की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
अखिलेश यादव के जन्मदिन पर पोस्टर से बढ़ी चर्चा
पोस्टर को जारी करने वाले सपा नेता जयराम पांडेय ने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से अखिलेश यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। हालांकि, अखिलेश यादव का आधिकारिक जन्मदिन 1 जुलाई 1973 को है, लेकिन इस पोस्टर को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।
आगामी उपचुनाव और सपा की चुनावी तैयारियां
उत्तर प्रदेश में फिलहाल 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, और नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। इन उपचुनावों के दौरान सपा और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। ऐसे में, अखिलेश यादव को 'सत्ताइस का सत्ताधीश' बताने वाले पोस्टर सपा कैडर में जोश भरने की रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं।
भाजपा जहां अपने नेताओं के कद को बढ़ाने और ध्रुवीकरण की रणनीति पर काम कर रही है, वहीं सपा अखिलेश यादव की लोकप्रियता और पीडीए फॉर्मूले के दम पर अपने भविष्य को संवारने में जुटी हुई है। इस तरह, उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 का विधानसभा चुनाव अभी से चर्चा का केंद्र बन गया है, जिसमें अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ दोनों अपने-अपने राजनीतिक ध्रुवों को मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं।