Pahalgam Terrorist Attack: भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप, आनन फानन में बुलाई आपातकालीन बैठक, जानिए सिंधु समझौता रद्द होने पर क्या कहा ?

Pahalgam Terrorist Attack: भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। आनन फानन में पाक ने आज आपातकालीन बैठक बुलाई है। पाक भारत के सख्त फैसलों के खिलाफ आज अपनी जवाबी रणनीति तैयार करेगा...

पाकिस्तान
पाक ने बुलाई आपातकालीन बैठक - फोटो : social media

Pahalgam Terrorist Attack:  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त निर्णय लिए। भारत के कड़े फैसले से पाकिस्तान की रात बेचैनी में कटी। भारत के फैसले के बाद पाक ने खलबली मच गई है। वहीं भारत की ओर से लिए गए सख्त फैसलों के जवाब में पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व आज यानी गुरुवार को आपातकालीन बैठक करेगा। पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार रात घोषणा की कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है। 

पाक तैयार करगे जवाबी कार्रवाई

जिसमें भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित करने, राजनयिक संबंधों में कटौती और पाकिस्तानियों के वीजा रद्द जैसे फैसलों पर जवाबी रणनीति तैयार की जाएगी। इस बैठक में पाकिस्तान की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ-साथ प्रमुख कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि यह बैठक पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

भारत के फैसलों से पाकिस्तान में मचा हड़कंप

भारत सरकार ने मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद सख्त रुख अपनाते हुए पांच बड़े फैसले लिए थे। सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, दूतावासों में स्टाफ कटौती और भारतीय राजनयिक स्टाफ को वापस बुलाना।

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पाक के विदेश मंत्री ने क्या कहा? 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए कड़े फैसलों पर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार रात एक पाकिस्तानी चैनल से बातचीत में डार ने कहा कि भारत ने किसी भी आतंकी गतिविधि से जुड़े सबूत पेश नहीं किए हैं और "गुस्से में" फैसले ले रहा है। डार ने कहा कि, आतंकी घटनाओं के संबंध में भारत ने कोई सबूत नहीं दिए हैं। उसकी घोषणाएं गंभीरता की कमी को दर्शाती हैं। उन्होंने भारत पर यह आरोप भी लगाया कि हर बार जब भारत में कोई संकट आता है, तो वह सीधे पाकिस्तान को दोषी ठहरा देता है, बिना किसी निष्पक्ष जांच या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित तथ्य के। डार ने बताया कि भारत की घोषणाओं के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की एक आपात बैठक बुलाई गई है। जिसमें देश की असैन्य और सैन्य नेतृत्व मिलकर भारत के कदमों का जवाब तय करेंगे। उन्होंने कहा कि, भारत के बयान अनुचित हैं और पाकिस्तान की NSC जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया देगी।

सिंधु जल समझौते पर भारत की सख्ती

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता पाकिस्तान के लिए एक जीवनरेखा के रूप में देखा जाता है। समझौते के अनुसार, भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलज) का पूर्ण अधिकार है जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिकांश हिस्सा मिलता है। भारत का यह निर्णय पाकिस्तान की कृषि, पेयजल और ऊर्जा सुरक्षा पर गहरा असर डाल सकता है।

पाकिस्तान पर जल संकट का खतरा 

 पंजाब और सिंध प्रांतों में सिंचाई पर निर्भरता भारी है। जल आपूर्ति प्रभावित होने पर कृषि भूमि सूख सकती है। पानी की कमी से फसल उत्पादन गिरेगा, जिससे खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है। जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिससे बिजली की कमी और बढ़ेगी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ेगा, जिससे जीडीपी प्रभावित हो सकती है। पानी और खाद्य संकट के कारण देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की आशंका बढ़ सकती है।

पाकिस्तान के पास क्या विकल्प हैं?

पाकिस्तान विश्व बैंक या अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों की शरण में जा सकता है, लेकिन भारत के भाग न लेने के रुख से पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो सकती है। इतिहास गवाह है कि 1948 में भारत ने नहरों का पानी रोका था, जिससे पाकिस्तान में 17 लाख एकड़ ज़मीन सूख गई थी। इतिहास खुद को दोहरा सकता है। अब नजरें इस पर टिकी हैं कि आज पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में क्या प्रतिक्रिया रणनीति अपनाई जाती है।

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