Illegal Immigrants: अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की अपनी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब, अमेरिका उन प्रवासियों को सीधे कोस्टा रिका भेजने का निर्णय लिया है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो भारत और अन्य मध्य एशियाई देशों के नागरिक हैं। कोस्टा रिका ने इस प्रक्रिया में सहयोग करने पर सहमति जताई है, जिसके तहत 200 प्रवासियों का पहला समूह आज कोस्टा रिका पहुंचेगा। पनामा और ग्वाटेमाला के नक्शेकदम पर चलते हुए, कोस्टा रिका ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका से निकाले जाने वाले अवैध प्रवासियों को अपने देश में लाने के लिए तैयार है, जो अन्य देशों के नागरिक हैं।मध्य अमेरिकी राष्ट्र के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मध्य एशिया और भारत के 200 प्रवासी बुधवार को अमेरिका से एक कोमर्शियल उड़ान में पहुंचेंगे।
कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय ने पुष्टि की है कि ये प्रवासी पनामा की सीमा के पास एक अस्थायी केंद्र में रखे जाएंगे। इस केंद्र में प्रवासियों का सत्यापन किया जाएगा और फिर उन्हें उनके मूल देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) द्वारा देखी जाएगी और इसके खर्च को पूरी तरह से अमेरिकी सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को वाशिंगटन में पदभार संभालने के बाद से कोस्टा रिका संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को वापस लाने में सहयोग करने वाला मध्य अमेरिका का तीसरा देश है।पनामा और ग्वाटेमाला पहले इसी तरह की व्यवस्था पर सहमत हुए थे जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो लैटिन अमेरिका के हालिया दौरे पर आए थे।
यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ उठाए गए कठोर कदमों का हिस्सा है। इससे पहले, अमेरिका ने भारतीय नागरिकों सहित कई अन्य देशों के नागरिकों को सीधे भारत वापस भेजने की प्रक्रिया अपनाई थी। अब, कोस्टा रिका, पनामा और ग्वाटेमाला जैसे देशों के साथ समझौतों के माध्यम से अमेरिका अपने निर्वासित प्रवासियों को इन देशों में रखने की योजना बना रहा है।
भारत ने भी अमेरिका में मौजूद लगभग 18,000 अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वाशिंगटन यात्रा के दौरान यह स्पष्ट किया था कि भारत किसी भी सत्यापित भारतीय अवैध प्रवासी को वापस लेगा। यह दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग का संकेत देता है।