Earthquake: म्यांमार में भूकंप का कहर, 24 घंटे में महसूस हुए 15 झटके, अब नहीं टला खतरा, अब तक 1 हजार से अधिक लोगों की मौत, मलबे बने कई ऐतिहासिक स्थल
Earthquake: म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही देखने को मिल है। अब 1 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। म्यांमार में 24 घंटे में 15 बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। माना जा रहा है कि म्यांमार पर अब भी खतरा मंडरा रहा है...

Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। बीते 24 घंटों में 15 बार धरती कांप चुकी है, जिससे 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बैंकॉक से लेकर म्यांमार तक हालात भयावह हैं। ऊंची-ऊंची इमारतें और हाईटेक सुरक्षा इंतजाम भी भूकंप के झटकों के आगे बेबस हो गए। स्थिति यह है कि अब भी खतरा टला नहीं है। लगातार झटकों से लोग दहशत में हैं और म्यांमार में आपातकाल लागू कर दिया गया है।
भारत ने की मदद
म्यांमार के इस संकट की घड़ी में सबसे बड़ी मददगार भारत बनी है। भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। जानकारी अनुसार भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को मानवीय सहायता के तहत लगभग 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना (IAF) का C-130J विमान शनिवार को हिंडन एयरबेस से रवाना होकर म्यांमार पहुंचा। इस राहत सामग्री में तंबू, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी शुद्ध करने के उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाइयां जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सिरिंज, दस्ताने और पट्टियां शामिल हैं।
1934 में बना एवा ब्रिज भी ढहा
बता दें कि, भूकंप से म्यांमार के कई ऐतिहासिक ढांचे मलबे में तब्दील हो गए हैं। राजधानी नेपीदा के पास स्थित ऐतिहासिक एवा ब्रिज भी बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। यह पुल म्यांमार की शान माना जाता था और इसका निर्माण 1934 में हुआ था। भूकंप के जबरदस्त झटकों ने इस मजबूत पुल को भी नेस्तनाबूद कर दिया।
यूनेस्को की धरोहर पगोड़ा मंदिर भी तबाह
भूकंप ने म्यांमार के धार्मिक स्थलों को भी नहीं छोड़ा। पगोड़ा मंदिर, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल था, अब पूरी तरह मलबे में बदल गया है। यह मंदिर म्यांमार के लोगों के लिए सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि ऐतिहासिक विरासत था, जहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता था। लेकिन अब वहां केवल तबाही का मंजर नजर आ रहा है। म्यांमार में हर तरफ तबाही देखने को मिल रही है।
इंटरनेट सेवा ठप, दुनिया से कटा म्यांमार
भूकंप के बाद म्यांमार में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं, जिससे बाहरी दुनिया को वहां के हालात की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। हालांकि, जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे ही तबाही की भयावहता को बयां कर रही हैं। कई इमारतें जमींदोज हो गई हैं और पुल ध्वस्त हो गए हैं।
भारत का ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ बना राहत का मरहम
भूकंप की विनाशलीला के बीच भारत ने म्यांमार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत राहत सामग्री से भरे विमान को म्यांमार की राजधानी यांगून भेजा है। भारत ने भूकंप पीड़ितों के लिए दवाएं, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामान भेजकर पड़ोसी देश को संकट में राहत दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, म्यांमार में भूकंप ने परमाणु बम के बराबर ऊर्जा उत्पन्न की है, जिससे आने वाले दिनों में और भी तेज झटके महसूस किए जा सकते हैं। फिलहाल, म्यांमार में इमरजेंसी लागू है और हालात कब तक सुधरेंगे, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।