Earthquake: म्यांमार में मचा मौत का तांडव तो सबसे बड़ा मददगार बना भारत ! अब तक 800 अधिक लोगों की मौत, हजारों लापता

Earthquake: म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही देखने को मिल है। अब तक 800 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि म्यांमार इस समय भारत के लिए मददगार साबित हुआ है। भारत ने म्यांमार को राहत सामग्री भेजी है।

म्यांमार में भूकप से तबाही
म्यांमार में 800 से अधिक लोगों की मौत- फोटो : social media

Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। म्यांमार में अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि म्यांमार में भूकंप से 10 हजार लोगों की जान जा सकती है। वहीं कई लापता बताए जा रहे हैं। वहीं म्यांमार के इस संकट की घड़ी में सबसे बड़ी मददगार भारत बनी है। भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। जानकारी अनुसार भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को मानवीय सहायता के तहत लगभग 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना (IAF) का C-130J विमान शनिवार को हिंडन एयरबेस से रवाना होकर म्यांमार पहुंचा। इस राहत सामग्री में तंबू, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी शुद्ध करने के उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाइयां जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सिरिंज, दस्ताने और पट्टियां शामिल हैं।

भूकंप से म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही

बता दें कि, शुक्रवार को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और इसके बाद 6.4 तीव्रता के झटकों ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र सागाइंग क्षेत्र के पास था, जिससे म्यांमार में इमारतें, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं भूकंप का असर थाईलैंड में भी महसूस किया गया। वहां की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

भारत की ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ नीति का प्रदर्शन

भारत ने हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के समय अपने पड़ोसी देशों की मदद की है। यह कदम भारत की "फर्स्ट रिस्पॉन्डर" नीति को दर्शाता है। इससे पहले भी भारत ने कई मौकों पर त्वरित सहायता दी है। 2004 के हिंद महासागर सुनामी के दौरान भारत ने श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया को राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भेजी थी। 2015 में नेपाल भूकंप के बाद भारत ने ऑपरेशन मैत्री चलाया था, जिसके तहत बचाव दल, राहत सामग्री और चिकित्सा विशेषज्ञ भेजे गए थे। 2023 में तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के दौरान भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत 6 टन से अधिक राहत सामग्री और NDRF की टीमें भेजी थीं। वहीं कोविड-19 महामारी में भारत ने "वैक्सीन मैत्री" पहल के तहत कई देशों को टीके और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की थी।

भारत की ओर से निरंतर सहायता का भरोसा

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत म्यांमार के अधिकारियों के संपर्क में है और उनकी जरूरतों के अनुसार और सहायता देने के लिए तैयार है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के लिए आपदा के समय पहला मददगार बनता है। हम म्यांमार में हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर और सहायता भेजने के लिए तैयार हैं।"

भूकंप से म्यांमार में आपातकाल घोषित

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा पर चिंता जताते हुए कहा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूं। भारत सभी संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।" भूकंप के बाद म्यांमार में मांडले का मशहूर माहमुनी बुद्ध मंदिर और नायप्यीडॉ की एक मस्जिद ढह गई। म्यांमार की सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है।

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