विदेशी नागरिकता लेने के बाद भारत लौटना हुआ आसान, जानिए कैसे करता है मदद ओसीआई कार्ड
विदेशों में बसने वाले भारतीय नागरिकता गंवा देते हैं, लेकिन भारत से रिश्ता बना रहता है। ऐसे लोगों को भारत सरकार ओसीआई कार्ड देती है, जिससे वे भारत आ-जा सकें और कुछ सुविधाओं का लाभ उठा सकें, हालांकि यह दोहरी नागरिकता नहीं है।

भारत छोड़कर दुनिया के अलग-अलग देशों में बसे भारतीय मूल के लोग अब भी अपने वतन से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं. लेकिन जब वे किसी अन्य देश की नागरिकता ले लेते हैं, तो भारतीय कानून के तहत उन्हें भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है. ऐसे में भारत सरकार ने ओसीआई कार्ड के ज़रिए एक ऐसा विकल्प दिया है, जिससे ये लोग भारत से जुड़े रह सकें.
क्या है ओसीआई कार्ड?
ओसीआई कार्ड (Overseas Citizen of India) किसी भी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो भारतीय मूल का हो लेकिन अब किसी दूसरे देश का नागरिक बन चुका हो. यह कार्ड उसे भारत आने-जाने, यहां बसने और कई सुविधाओं का लाभ उठाने की इजाज़त देता है — हालांकि यह भारत की नागरिकता नहीं है.
क्यों जरूरी है यह कार्ड?
भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता. इसलिए अगर कोई भारतीय विदेश की नागरिकता लेता है, तो वह भारतीय नागरिक नहीं रह सकता. इसी स्थिति में ओसीआई कार्ड उन्हें भारत से जोड़े रखने का एक वैकल्पिक जरिया बनता है.
क्या मिलती हैं सुविधाएं?
आजीवन भारत आने का वीज़ा
देश में बिना रुकावट लंबे समय तक रहना
शिक्षा और निजी क्षेत्र में काम करने की सुविधा
संपत्ति (गैर-कृषि) खरीदने की अनुमति
क्या नहीं कर सकते ओसीआई कार्डधारी?
भारत में वोट नहीं डाल सकते
सरकारी नौकरियों या संवैधानिक पदों के लिए अयोग्य
संसद या विधानसभाओं के चुनाव नहीं लड़ सकते
खेती की ज़मीन नहीं खरीद सकते
कौन बनवा सकता है ओसीआई कार्ड?
ऐसे व्यक्ति जिनके माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी कभी भारत के नागरिक रहे हों, वे पात्र माने जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और कुछ अन्य देशों के नागरिक इस योजना के अंतर्गत नहीं आते.
एनआरआई और ओसीआई में फर्क
एनआरआई (NRI) यानी अनिवासी भारतीय, जिसके पास भारतीय पासपोर्ट होता है और जो विदेश में रह रहा होता है. जबकि ओसीआई कार्डधारी विदेशी नागरिक होते हैं, जिनका भारत से रिश्ता पारिवारिक या सांस्कृतिक होता है.
भारत में नागरिकता से जुड़े कानून भले सख्त हों, लेकिन ओसीआई कार्ड के ज़रिए प्रवासी भारतीयों को भारत से जोड़े रखने की सरकार की कोशिशें सराहनीय हैं. यह कार्ड अब भारत से बाहर बसे करोड़ों भारतीयों के लिए एक भावनात्मक और कानूनी पुल बन चुका है.