Pakistan Missile Test: भारत के एक्शन से खौफ में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान! मिसाइल की टेस्टिंग करने की तैयारी कर रही असीम मुनीर की फौज
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइल परीक्षण की घोषणा की है। जानें भारत-पाक तनाव और घटनाक्रम की पूरी जानकारी।

Pakistan Missile Test: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस भीषण हमले के तुरंत बाद भारत ने अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक प्रतिक्रिया में तेजी और गंभीरता दिखाई है। सिंधु जल संधि को स्थगित करने से लेकर पाकिस्तान के राजनयिकों को निष्कासित करने तक, भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ "शून्य सहिष्णुता" की नीति अपनाई जा चुकी है।दूसरी ओर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर 24-25 अप्रैल को कराची तट पर मिसाइल परीक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे क्षेत्रीय तनाव अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है।
पाकिस्तान का मिसाइल परीक्षण: 480 किमी की मारक क्षमता
रक्षा सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान जिस मिसाइल का परीक्षण करने वाला है, वह एक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 480 किलोमीटर है। पाकिस्तान ने इसके लिए अरब सागर के कुछ हिस्सों को नो-फ्लाई और नो-नेवी जोन घोषित कर दिया है और वहां पर लाइव फायरिंग की चेतावनी जारी की गई है।भारतीय नौसेना और वायुसेना इस क्षेत्र पर पैनी नजर रखे हुए हैं, और सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
भारत की जवाबी रणनीति: सिंधु जल समझौता स्थगित, राजनयिक संबंध सीमित
भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब सिर्फ चेतावनी नहीं, ठोस कार्रवाई होगी। भारत द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:
सिंधु जल संधि स्थगित कर दी गई है — 1960 में हुई यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे की ऐतिहासिक व्यवस्था थी।
अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया गया है, जिससे व्यापार और लोगों की आवाजाही पर सीधा असर पड़ेगा।
नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
सार्क वीजा छूट योजना समाप्त कर दी गई है — अब कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत की यात्रा नहीं कर पाएगा।
भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया है।
राजनीतिक और रणनीतिक संदेश
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक इसका उदाहरण हैं। लेकिन इस बार भारत का रुख और भी सख्त नजर आ रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में लिए गए फैसलों से यह स्पष्ट हो गया कि भारत अब रणनीतिक सहनशीलता की सीमाएं पार नहीं करेगा।
क्या पाकिस्तान का मिसाइल टेस्ट डर की निशानी है?
पाकिस्तान का यह मिसाइल परीक्षण सैन्य शक्ति का प्रदर्शन जरूर हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ इसे भारत के कड़े रुख के बाद आई एक घबराई हुई रणनीतिक प्रतिक्रिया मान रहे हैं। पाकिस्तान की मिसाइल रेंज और क्षमता भारत के ब्रह्मोस, अग्नि-V और K-सीरीज जैसी मिसाइलों के सामने कहीं नहीं टिकती।यह मिसाइल परीक्षण केवल मनौवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश है — न कि कोई सैन्य संतुलन बदलने वाली चाल।