Plane Crash: लगभग 50 यात्रियों से भरा अंगारा एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त,हवा में बिखर गया An-24, कोई नहीं बचा

Plane Crash: आज आसमान से सिर्फ विमान नहीं गिरा, भरोसा गिरा है, सिस्टम गिरा है और 50 घरों में सन्नाटा उतरा है।

Plane Crash
50 जिदगियों का ‘एयरबॉर्न जनाजा- फोटो : social Media

Plane Crash: अंगारा एयरलाइन का An-24 विमान, जो कुल 50 लोगों को लेकर अमूर क्षेत्र के  शहर की ओर रवाना हुआ था, अब सिर्फ खबरों का हिस्सा बन चुका है।इस विमान में पांच मासूम बच्चे, 43 यात्री और क्रू के छह सदस्य सवार थे  लेकिन रडार से गायब होते ही ये सब फिज़ाओं में गुमनामी का शिकार बन गए।

रूस की फिज़ाओं में एक बार फिर मौत ने उड़ान भरी है। स्थानीय गवर्नर वासिली ओरलोव के मुताबिक, हादसा इतना भीषण था कि किसी भी मुसाफिर के ज़िंदा मिलने की उम्मीद अब सिर्फ वहम है। हादसे की जगह से सिर्फ मलबा, राख और मातम की ख़बरें आ रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक, An-24 ने Tynda एयरपोर्ट पर लैंडिंग की पहली कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। दूसरी कोशिश ‘क़यामत की दस्तक’ बन गई। ATC से संपर्क टूटा और उसी के साथ टूटा 50 परिवारों का सपना, उम्मीद और भरोसा।

रूसी इंटरफैक्स एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि विमान चीन सीमा के पास अलार्मिंग जोन में क्रैश हुआ। अब वहां सर्च ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन उम्मीदों के परखच्चे उड़ चुके हैं।

रूसी आसमान, जो कभी ताक़त की मिसाल हुआ करता था, अब ‘हवाई कब्रगाह’ बनता जा रहा है। ठीक पिछले साल सितंबर में भी Robinson R66 हेलिकॉप्टर अमूर क्षेत्र में उड़ान भरते हुए लापता हो गया था  और आज तक उसका कोई पता नहीं चला।

सवाल ये उठता है कि क्या रूस की एविएशन सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लग चुकी है? क्या मौसम, तकनीक, और ट्रैफिक कंट्रोल  तीनों ही नाकाम साबित हो रहे हैं?या फिर यह हादसे महज़ इत्तेफाक नहीं, बल्कि उड़ती जिंदगियों पर भारी पड़ती लापरवाही का नतीजा हैं?जहां एक तरफ परिवार वालों की आंखें दरवाज़े की तरफ टिकी हैं, वहीं सरकारी घोषणाएं "खोज जारी है" की घिसी-पिटी तसल्लियों में उलझी हैं। लेकिन सच यही है..