Tiger attack - मवेशियों को नदी किनारे पानी पिलाने ले गए चरवाहे को बाघ ने बनाया शिकार, इलाक में 22 दिन में तीसरी घटना, खौफ में गुजर रही लोगों की रातें

Tiger attack - मवेशियों को लेकर नदी किनारे गए चरवाहे पर झाड़ियों में छिपे बाघ ने हमला कर मार डाला। बाघ के हमले की खबर के बाद इलाके में लोग दहशत में हैं।

Bagaha  - बिहार के बगहा स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के आसपास की बस्तियों में रहनेवाले लोगों की नींद उड़ गई है। इसकी वजह है इलाके में बाघ की दस्तक। यहां बाघ ने फिर एक शिकार कर लिया है। जो कि 22 दिन में तीसरी घटना है। वहीं वन विभाग बाघों के हमले  को रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है। जिससे लोगों में आक्रोश है। 

बताया गया कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धना वन प्रक्षेत्र से निकाल कर बनहवा मटियरिया गांव के सरेह में शुक्रवार की शाम पांच बजे के आसपास बाघ ने एक चरवाहे पर हमला कर उसकी जान ले ली है। घटना गांगुली नदी किनारे की है, जहां ग्रामीण भैंस चरा रहा था। मृतक की पहचान गांव निवासी भजन मांझी (41) के रूप में हुई है। 

मवेशियों को पानी पिलाने ले गया

जानकारी के अनुसार, शाम करीब पांच बजे वह अपने मवेशियों को लेकर नदी किनारे गया था। उसी दौरान झाड़ियों में छिपा बाघ अचानक दहाड़ते हुए बाहर निकला और चरवाहे पर टूट पड़ा। हमले के दौरान भैंस किसी तरह भागकर गांव में लौट आई।

झाड़ियों से मिला शव

जब देर शाम तक भजन मांझी घर नहीं पहुंचे तो परिजन और ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। देर रात करीब 9:30 बजे नदी किनारे झाड़ियों से शव बरामद किया गया। शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

बाघ को ट्रैक करने में जुटा विभाग

रेंजर मुमताज अहमद ने बताया कि बाघ की गतिविधि को ट्रैक किया जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल के किनारे न जाएं और सतर्क रहें। बावजूद इसके कई लोग चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे खतरा और बढ़ सकता है।

22 दिनों में बाघ ने तीन चरवाहों को मार डाला

गौनाहा क्षेत्र में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 22 दिनों में तीन चरवाहों की जान जाने से ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है। बताया जा रहा है कि बाघ अब तक दो गायों और दो बकरियों को भी अपना शिकार बना चुका है।

बावजूद इसके लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी लोग जंगलों के आसपास मवेशी चराने या वहां किसी काम से जाने में सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। वन विभाग की टीम लगातार ट्रैकिंग में जुटी हुई है।