Bhagalpur News: बाबा विशु मेले में बार बालाओं ने लगाए ठुमके,भक्ति के नाम पर मेला बना फूहड़ता का मंच, प्रशासन और आयोजकों की भूमिका पर उठ रहे सवाल

Bhagalpur News: बाबा विशु मेले के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बार बालाओं ने अश्लील भोजपुरी गानों पर ठुमके लगाए। कुछ आयोजनों में खुलेआम अश्लीलता परोसे जाने से इन आयोजनों की पवित्रता पर सवाल उठने लगे हैं।

Baba Vishu fair
बार बालाओं ने लगाए ठुमके- फोटो : Reporter

Bhagalpur News:  बाबा विशु मेले के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बार बालाओं ने अश्लील भोजपुरी गानों पर ठुमके लगाए। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह आयोजन धार्मिक आस्था और सामाजिक समर्पण का संदेश देता आया है, लेकिन इस बार आयोजकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर अश्लीलता को बढ़ावा देकर पूरे आयोजन की गरिमा को धूमिल किया है।कुछ आयोजनों में खुलेआम अश्लीलता परोसे जाने से इन आयोजनों की पवित्रता पर सवाल उठने लगे हैं।ताजा मामला नवगछिया पुलिस जिला के गोपालपुर थाना क्षेत्र के लतरा गांव का है, जहाँ बाबा विशु मेला के अवसर पर आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में बार बालाओं द्वारा किए गए अश्लील नृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह ऑर्केस्ट्रा मंच पर भक्ति की जगह अश्लील भोजपुरी गानों पर नर्तकाएं अश्लील नृत्य कर रही हैं, और स्टेज के सामने खड़े दर्शक उन पर नोटों की बारिश कर रहे हैं। यह दृश्य देख स्थानीय लोग स्तब्ध और शर्मिंदा हैं।हालांकि, न्यूज4नेशन इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता, लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि धार्मिक आयोजनों के नाम पर फूहड़ता परोसना किस हद तक जायज है?

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है। बीते कुछ वर्षों से धार्मिक आयोजनों की आड़ में इस तरह के अश्लील कार्यक्रम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जहां कभी संकीर्तन और भजन होते थे, वहां अब मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता और नैतिक पतन दिखाई दे रहा है।इस घटनाक्रम ने आयोजकों और प्रशासन दोनों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आयोजकों ने इस तरह के कार्यक्रम के लिए प्रशासन से पूर्वानुमति ली थी?अगर अनुमति नहीं ली गई थी, तो प्रशासन ने कार्यक्रम को बीच में रोकने की पहल क्यों नहीं की?और यदि अनुमति ली गई थी, तो क्या उसमें ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति भी शामिल थी?इन सवालों का जवाब देना अब स्थानीय प्रशासन और आयोजकों दोनों की जिम्मेदारी बनती है।

इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए संत समाज, समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू किए जाएं, और ऐसे आयोजनों में फूहड़ता परोसने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।वहीं लोगों का कहना है कि  भक्ति और संस्कृति के मंच को अगर मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता से जोड़ा जाएगा, तो यह न केवल सामाजिक विघटन को जन्म देगा, बल्कि नई पीढ़ी के नैतिक विकास पर भी बुरा प्रभाव डालेगा।

रिपोर्ट- अंजनी कुमार कश्यप


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