Bihar News : हथेली गरम तो हाकिम नरम ! भागलपुर में भू - अर्जन विभाग का अनोखा खेल, 6 डिसमिल जमीन को नौ डिसमिल बनाकर दे दिया एनओसी

Bihar News : भागलपुर में भू-अर्जन कर्जन कार्यालय में हथेली गर्म करने का खेल चल रहा है. इस कड़ी में कर्मियों का अनोखा कारनामा सामने आया है, जहाँ उन्होंने 6 डिसमिल जमीन को 9 डिसमिल बनाकर एनओसी दे दिया......पढ़िए आगे

Bihar News : हथेली गरम तो हाकिम नरम ! भागलपुर में भू - अर्जन विभाग का अनोखा खेल, 6 डिसमिल जमीन को नौ डिसमिल बनाकर दे दिया एनओसी
भू अर्जन में अनोखा कारनामा- फोटो : balmukund

BHAGALPUR : हथेली गरम तो हाकिम नरम। यह उक्ति इन दिनों बिहार के जिला भागलपुर में भूअर्जन के कार्यालय में बिल्कुल फिट बैठ रही है। यहां हर दिन लोग अपनी समस्याओं के साथ आते हैं लेकिन बिना चढ़ावे के दफ्तर से कोई समाधान लिए नहीं लौट पाते हैं। गौरतलब है कि बिहार सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी द्वारा जिला को बेहतर व सुंदर बनाने के लिए रात दिन एक किया जा रहा है। समय समय पर सम्बंधित विभागों की मॉनिटरिंग के साथ दिशा निर्देश भी दिया जा रहा है ताकि कहीं कोई अनियमितता या अनदेखी तो नहीं हो रही है। और अगर हो रही है तो दंडात्मक कार्रवाई से भी नहीं चूकते। जिसका एक नजीर जिला के ही 39 थानेदारों के वेतन पर रोक भी है। दरअसल पूरा मामला भूअर्जन विभाग का है, जहां हर दिन आपको तल्ख व ऊंची आवाज में लोगों का शोर लिए दफ्तर के बाहर भीड़ मिल जाएगी। उनसे उनकी नाराजगी का कारण पूछेंगे तो वे दफ्तर के बाबुओं पर कार्य के बदले नजराना लेने का आरोप भी मढेंगे और अधिकारी से इसकी शिकायत करने पर फलाफल भी शून्य बताएंगे,  जिसका नतीजा भू अर्जन विभाग में नित्य नये कारनामे उजागर होते जा रहे हैं। कभी एनओसी के नाम पर मोटी रकम लेने का मामला हो या पैसे नहीं मिलने पर किसानों को NOC नहीं देने का मामला हो या फिर अन्य मामलों में भी अवैध उगाही का ही क्यों न हो। इनकी कारगुजारियों से भागलपुर भूअर्जन विभाग हर दिन सुर्खियां भी बटोर रही है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में तब आया, जब रुपये लेकर 6 डिसमिल जमीन को 9 डिसमिल में परिवर्तित कर NOC भी दे दिया गया।

कहने का मतलब आप नजराना देंगे तो सरकारी मुलाजिम कुछ भी करने को तैयार हैं, यदि नहीं दिए तो आपका कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा। इसका एक बानगी सुल्तानगंज प्रखंड के महेशी पंचायत के सत्यनारायण चौधरी की परेशानी से भी जुड़ा है। आपको बता दें कि सत्यनारायण को उमाकांत व रामानंद दो पुत्र है। जिन्हें अपने पिता से कुल 6 डिसमिल जमीन जिसका खाता संख्या 573 और खसरा 322 वर्णित है। अपने पिता से मिली 6 डिसमिल जमीन की बिक्री के लिए दोनों भाइयों ने निबंधन कार्यालय में अपनी अर्जी भी लगाई तो निबंधन कार्यालय द्वारा भूअर्जन से अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की गयी। लेकिन एनओसी को लेकर भूअर्जन द्वारा जो कॉन्सपिरेसी की गयी, इसने सबके होश ही उड़ाकर रख दिया। अपने दिए गए सर्टिफिकेट में विभाग ने उमाकांत चौधरी को उनकी जमीन के हिस्से का 3 डिसमिल NOC दे दिया। लेकिन रामानन्द चौधरी को 3 डिसमिल जमीन का NOC देने की बजाय विभाग ने 6 डिसमिल जमीन का अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया। जबकि उक्त खसरा में मात्र 6 डिसमिल जमीन के स्वामी सत्यनारायण चौधरी हैं। आखिर भू अर्जन विभाग द्वारा दिये गए सर्टिफिकेट में अधिकारी या दीपक कुमार कर्मचारी ने जो 3 डिसमिल जमीन की बढ़ोतरी की अनदेखी क्यों किया गया ? यहीं नहीं हद तो यह है की दोनों जमीन रजिस्ट्रार के दफ्तर में निबंधित भी हो गयी। उक्त जमीन को सरकार के भू अर्जन विभाग ने ही अर्जन किया था। लेकिन विभाग द्वारा इस खाते के सभी खसरा पर ही खरीद बिक्री पर रोक भी लगा दिया गया। 

जानकार बताते हैं कि जिस खसरा का जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाता है। उसी खसरा पर खरीद बिक्री के लिए रोक लगाया जाता है, जो खसरा भू अर्जन से बाहर है। उसपर किसी प्रकार के खरीद बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। लेकिन भागलपुर भूअर्जन अधिकारी और कर्मियों द्वारा एक खाते में जितना भी खसरा और रकवा मौजूद है उस सबों के खरीद बिक्री पर रोक लगा दिया जाता है। NOC देने के नाम पर मोटा रकम की वसूली की जाती है। तभी जाकर NOC दी जाती है। जब इन सारी बातों की जानकारी लेने भू-अर्जन विभाग कार्यालय गया तो कार्यालय में मौजूद उप समाहर्ता राकेश कुमार ने मिलने से ही साफ इन्कार कर दिया। वहीं जब उनके मोबाइल पर कई दफा फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। वहीं इस सम्बंध में वरीय उप समाहर्ता दिनेश राम से मिलने गया तो वो अधिकारियों के साथ ऑफिसियल बैठक में व्यस्त दिखे। DDC से सम्पर्क साधा गया तो कर्मियों ने उनकी व्यस्तता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बताया गया। बहरहाल बात जो भी हो भ्रष्टाचार की गंगोत्री तो हर विभाग को छूकर निकलती है। इसमें कुछ लोग छिड़काव से काम चला रहे तो कुछ डुबकियां भी लगा रहे हैं, यहां जो तैराक होते हैं वह खुद को बचाकर इस गंगोत्री से बाहर भी ले आते हैं तो कुछ लालच में पड़ डूब भी जाते हैं। फिलहाल जिले को बेहतर व सुंदर स्वरूप देने के लिए तत्पर जिलाधिकारी का भी दो दिनों के लिए पटना में बैठकों का दौर है। वर्तमान प्रभारी दिनेश राम ने मामले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि जिलाधिकारी के संज्ञान में बात रखी जाएगी। और 6 डिसमिल जमीन को 9 डिसमिल बताने वाले भूअर्जन के तिलस्मी अधिकारी व कर्मचारी से अतिरिक्त 3 डिसमिल जमीन से सम्बंधित एनओसी पर जांच के साथ दोषी पाए जाने वाले लोगों पर सुनिश्चित कार्रवाई की जाएगी l

भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट 

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