Bihar News- शौचालय का पैसा खा गए स्वच्छाग्रही, अधिकारी ने दर्ज करवाया एफआईआर

Bihar News- नवादा जिले के सिरदला प्रखंड क्षेत्र के चौकियां पंचायत में शौचालय निर्माण की राशि में हेराफेरी का मामला सामने आया है। जहां पांच ग्रामीणों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से राशि की निकासी कर ली गई।

 शौचालय का पैसा खा गए स्वच्छाग्रही
शौचालय का पैसा खा गए स्वच्छाग्रही- फोटो : अमन

Bihar News- नवादा जिले के सिरदला प्रखंड क्षेत्र के चौकियां पंचायत में शौचालय निर्माण की राशि में हेराफेरी का मामला सामने आया है। जहां पांच ग्रामीणों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से राशि की निकासी कर ली गई। इस बाबत प्रखंड स्वच्छता समन्वयक राकेश कुमार ने परनाडाबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है । जिसमें स्वच्छाग्रही रंजीत कुमार को आरोपित किया गया है। 

थाना को दिए आवेदन में कहा गया है कि स्वच्छाग्राही ने पांच ग्रामीणों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए फर्जी तरीके से राशि निकाल ली। स्व. जानकी प्रसाद के पुत्र प्रकाश प्रसाद, प्रकाश प्रसाद की पत्नी कौशल्या देवी, स्व. जानकी प्रसाद के पुत्र गिरजा यादव, कपिल प्रसाद की पत्नी सुनरवा देवी और रमेश्वर प्रसाद की पत्नी मुनेश्वरी देवी के बैंक खाते पर 4 अक्टूबर को लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत अनुदान की राशि के रूप में 12 हजार रुपये का भुगतान किया गया। जबकि इन लोगों ने अपने घर में शौचालय का निर्माण नहीं कराया था। स्वच्छाग्रही ने किसी अन्य लाभार्थी के शौचालय का जियो टैग कर फर्जी तरीके से राशि का भुगतान कराया। आरोप लगाते हुए कहा कि स्वच्छाग्राही ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी राशि की हेराफेरी की। इसे लेकर परनाडाबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

मुखिया की शिकायत पर हुई जांच

गौरतलब है कि चौकियां पंचायत की मुखिया रुबी देवी ने बीडीओ को आवेदन देकर शौचालय निर्माण में घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने बीडीओ को दिए आवेदन में कहा था कि स्वच्छाग्राही की मिलीभगत से फर्जी तरीके से राशि निकाल ली गई।

जांच में आए सनसनीखेज मामले

मुखिया की शिकायत के आलोक में बीडीओ ने स्वच्छता समन्वयक ने जांच करने का निर्देश दिया। जिसमें पाया गया कि पांचों लोगों ने शौचालय का निर्माण नहीं कराया है। जांच में पांचों लोगों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि स्वच्छाग्रही ने उन्हें बताया था कि आपदा एवं जलछाजन की राशि आप लोगों के खाते में आएगी। इसके बाद बैंक खाता व आधार कार्ड की छायाप्रति ले ली। इसके बाद स्वच्छाग्राही रंजीत कुमार ने दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए अन्य लोगों के शौचालय का जिओ टैगिंग करते हुए राशि का भुगतान कराया। हालांकि पांचों लोगों ने अपने आरोप के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।

नवादा से अमन की रिपोर्ट 

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