Hooch Tragedy In Bihar Update :सीवान-छपरा के बाद अब गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से मौत, लगातार बढ़ रहा आंकड़ा, अब तक 39 लोगों की मौत

बिहार में 2016-17 से शराबबंदी लागू है शराब का सेवन, खरीद-फरोख्त और भंडारण कानूनन अपराध है। फिर भी, राज्य में शराब की उपलब्धता आम बात है. हालांकि यह धंधा गुप्त रूप से चल रहा है, विपक्ष का दावा कि शराब नज़र नहीं आती लेकिन हर जगह मिल जाती है, प्रतिबंध

जहरीला शराब पीने से 39 की मौत

Bihar News:बिहार में 2016-17 से शराबबंदी लागू है। 2016 से लागू इस प्रतिबंध के बावजूद, जहरीली शराब से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बिहार में जहरीली शराब का कहर जारी है। सीवान और छपरा के बाद अब गोपालगंज भी इस त्रासदी से अछूता नहीं रहा है। तीनों जिलों में गुरुवार शाम तक 39 लोगों की मौत हो गई। सीवान , छपरा और गोपालगंज जिलों में गुरुवार शाम तक जहरीली शराब पीने से कम से कम 39 लोगों की जान चली गई। इनमें सीवान जिले के सर्वाधिक 24, छपराके 14 तो गोपालगंज का एक मृतक शामिल है.इसके अलावा, 32 लोग जहरीली शराब पीने के बाद गंभीर रूप से बीमार हैं और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है.सीवान जिला प्रशासन ने 20 लोगों और सारण जिला प्रशासन ने 5 लोगों की शराब से मौत की पुष्टि की है. सीवान के 9 और छपरा के 14 लोगों का अभी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पटना स्थित पीएमसीएच में छपरा के जिन 14 लोगों की भर्ती कराया गया है, उनमें से दो की हालत गंभीर है। अधिकतर लोगों में आंखों की रोशनी गायब हो गई है.

सीवान के आठ और सारण के छह गांव इस कांड से प्रभावित हुए हैं।कुल 63 लोग बीमार हुए, जिनमें से 13 को गंभीर हालत में पीएमसीएच भेजा गया. मशरक प्रखंड में सबसे अधिक नौ मौतें हुईं

शराब में मिथाइल अल्कोहल की अत्यधिक मात्रा पाई गई।पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और शराब माफियाओं की तलाश जारी है।

सरकार ने एसआईटी का गठन किया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है।मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल सस्ते में शराब बनाने के लिए किया जाता है, जो बेहद खतरनाक है।स्थानीय स्तर पर यूरिया और ऑक्सीटॉसिन मिलाकर मिथाइल अल्कोहल बनाया जा रहा है।

 शराब का सेवन, खरीद-फरोख्त और भंडारण कानूनन अपराध है। फिर भी, राज्य में शराब की उपलब्धता आम बात है। हालांकि यह धंधा गुप्त रूप से चल रहा है, विपक्ष का दावा कि शराब नज़र नहीं आती लेकिन हर जगह मिल जाती है, पूरी तरह सच साबित होता है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब की उपलब्धता जारी है। 

सबसे बड़ा सवाल है अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?पीड़ित परिवारों को क्या मुआवजा दिया जाएगा?दोषियों को कब तक सजा होगी?

यह घटना बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए अवैध शराब के कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी। 



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