Bihar News: बिहार का घोटालेबाज, DM का फर्जी सिग्नेचर कर साढ़े 15 करोड़ की अकूत संपत्ति बना ली...खेल कैसे शुरू हुआ जानिए....

Bihar News: एनवी राजू की जमानत पर रिहाई ने एक बार फिर सृजन घोटाले को सुर्खियों में ला दिया है। यह मामला अभी भी अदालत में चल रहा है और आने वाले समय में कई और खुलासे हो सकते हैं।

Srijan scam
Srijan scam- फोटो : social media

Bihar News:  सृजन घोटाले में फंसे मुख्य आरोपियों में से एक एनवी राजू करीब दो साल दस महीने की जेल यात्रा के बाद जमानत पर रिहा हो गया है। राजू पर तत्कालीन जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों रुपये की सरकारी राशि को सृजन महिला विकास सहयोग समिति में ट्रांसफर करने का आरोप था। इसमें करीब 15.50 करोड़ रुपए सूजन संस्था में अवैध रूप से ट्रांसफर करने का आरोप था। बताया जाता है कि एनवी राजू ने राशि अपने कलिंगा सेल्स प्रतिष्ठान के खाते में ट्रांसफर करा ली थी।

कौन हैं एनवी राजू?

ओडिशा के रहने वाले एनवी राजू ने भागलपुर में अपना कारोबार जमाया था। वह सृजन संस्था और अधिकारियों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते थे। अधिकारियों को रिश्वत देकर वह सरकारी धन को सृजन संस्था में ट्रांसफर करवाता था। इसी के जरिए उसने अकूत संपत्ति अर्जित की। बताया जाता है कि एनवी राजू ने सबसे पहले महादेव टॉकीज के पास भागलपुर में सिलाई मशीन की दुकान खोली। इस दौरान उसकी मुलाकात सूजन महिला विकास सहयोग समिति की संचालिका स्वर्गीय मनोरमा देवी हुई थी। 

कैसे हुआ घोटाला?

राजू ने सृजन संस्था की संचालिका स्वर्गीय मनोरमा देवी के साथ मिलकर सरकारी राशि की हेराफेरी का खेल खेला। उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये को सृजन संस्था में ट्रांसफर करवाया और उसमें से बड़ी रकम अपने व्यक्तिगत खाते में डाल ली। इन पैसों से एनवी राजू ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों से लेकर ब्रांडेड कपड़ों के शोरूम तक बनाया। बताया जाता है कि एनवी राजू मुख्य रूप से अफसर और सूजन संस्था के बीच लाइजनर का काम करता था। इस दौरान उसकी पूर्व डीएम केपी रमैया से खास संबंध बन गया और सृजन संस्था के साथ खुद भी भरपूर लाभ उठाया।

कानूनी कार्रवाई

सीबीआई ने राजू के खिलाफ आठ चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई की दायर चार्जशीट में दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट और छह मामलों में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली है। विभिन्न अदालतों से जमानत मिलने के बाद वह अब जेल से बाहर आ गया है। एनवी राजू करीब दो साल 10 माह तक जेल में रहा। उसपर तत्कालीन डीएम का फर्जी हस्ताक्षर चेक पर साइन कर राशि सूजन महिला विकास सहयोग समिति में ट्रांसफर करने का आरोप है। एनवी राजू 24 फरवरी 2022 से ही बेउर जेल में बंद था।

बैंक से लिया था 1.55 करोड़ रुपए का लोन

यही नहीं राजू के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था और उसकी कई संपत्तियां जब्त की थीं। दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लेकर एनवी राजू की ने कचहरी चौक, महादेव टॉकीज और खलीफाबाग के पास जमीन लेकर अपना व्यापार शुरू किया था। लेकिन अब लोन नहीं चुका सका, तो पहले बैंक की ओर से बार-बार नोटिस दिया गया। इसके बाद कलिंगा सेल्स के मालिक एनवी राजू की अलग-अलग तीन संपत्ति को बैंक ऑफ बड़ौदा ने जब्त कर लिया। जानकारी अनुसार राजू के पास बैंक का एक करोड़ 55 लाख 85 हजार 366 रुपए मूलधन सहित 1.88 करोड़ रुपए बकाया था। 

क्या है सृजन घोटाला?

सृजन घोटाला बिहार का एक बड़ा वित्तीय घोटाला है। इसमें सरकारी धन को गैरकानूनी तरीके से निकालकर निजी खातों में जमा किया गया था। इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी और राजनेता शामिल थे। सृजन घोटाले की नींव साल 2004 में ही रख दी गई थी। जैसे-जैसे जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी, वैसे–वैसे रकम भी बढ़ती गई। वहीं भागलपुर में पदस्थ रह चुके डीएम केपी रमैया का भी नाम इसमें सामने आया। केपी रमैया को भागलपुर के लोग एक अच्छे व्यक्ति के रूप में जानते थे।, लेकिन सृजन घोटाले में संलिप्तता होने के कारण छवि खराब हो गई। केपी रमैया अभी फरार चल रहे। 

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