Bihar Land News: बिहार में हाईटेक हुआ भू-विभाग! खतियान के लिए तैयार किया जा रहा डिजिटल रिकॉर्ड, महज 1 क्लिक में सारी जानकारी मिलेगी पास

दरभंगा के 1238 राजस्व ग्राम में खतियान का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। अब ज़मीन का स्वामित्व, खेसरा विवरण और जमाबंदी की जानकारी एक क्लिक पर मिलेगी। जानिए पूरी प्रक्रिया और फायदे।

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Bihar Land News- फोटो : social media

Bihar Land News: बिहार के दरभंगा जिले में जमीन सर्वेक्षण और खतियान सत्यापन की प्रक्रिया को डिजिटल रूप देने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। विशेष भू सर्वेक्षण विभाग के तहत जिले के 1238 राजस्व ग्रामों में भूमि स्वामित्व, जमाबंदी और खतियान विवरण को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है, जिससे आम जनता को अपनी ज़मीन से जुड़ी जानकारी एक क्लिक में मिल सकेगी।

ज़मीन का इतिहास अब रहेगा डिजिटल रिकॉर्ड में सुरक्षित

प्रक्रिया के तहत प्रत्येक रैयत, यानी ज़मीन के दावेदार या स्वामी, से स्व-घोषणा पत्र के साथ स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं। इन दस्तावेजों को डिजिटल रूप में कंप्यूटर पर अपलोड किया जा रहा है, फिर उसे खतियान रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है।

इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि जब ज़मीन का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाए, तो उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो। अभी तक 889 राजस्व ग्रामों का डिजिटल खतियान रिकॉर्ड तैयार हो चुका है, और 308 गांवों में कार्य प्रगति पर है।

कौन-कौन कर रहे हैं इस परियोजना में सहयोग?

इस कार्य को संपन्न करने के लिए NIC (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र), भू-अभिलेख IT विभाग, और विशेष भू सर्वेक्षण विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं। साथ ही:

14 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी

16 कानूनगो

28 लिपिक

211 अमीन

इस अभियान में लगातार भौतिक सत्यापन, दस्तावेज़ीय जांच और सर्वेक्षण डेटा अपलोड करने का कार्य कर रहे हैं।

क्या होगा लाभ आम जनता को?

 भूमि स्वामित्व की पुष्टि

अब कोई भी रैयत या लाभुक यह देख सकेगा कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है, कब से है, और किस आधार पर उसे मिला।

 पुश्तैनी ज़मीन के बंटवारे की जानकारी

खेत या जमीन का बंटवारा हुआ हो, तो उसका पूरा इतिहास और ब्योरा अब रिकॉर्ड में रहेगा

खतियान की ऑनलाइन जांच

प्रत्येक खेसरा से जुड़ी जानकारी जैसे कि नाम, स्वामित्व का क्रम, और दखल का आधार अब ऑनलाइन उपलब्ध होगी।

 विवादों में कमी

कागजी फाइलों पर निर्भरता खत्म होने से भूमि विवाद, धोखाधड़ी और फर्जी जमाबंदी जैसे मामलों में भारी कमी आएगी।

पारदर्शिता में वृद्धि

डिजिटल प्रणाली से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, प्रमाणिक और न्यायसंगत बनेगी।

कैसे मिलेगी ऑनलाइन जानकारी?

विभाग ने एक विशेष सॉफ़्टवेयर तैयार किया है, जिसमें प्रपत्र 05 के लिंक पर क्लिक करके कोई भी व्यक्ति अपना खतियान, खेसरा और जमीन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है। हर एक रिकॉर्ड में यह स्पष्ट होगा कि कौन वर्तमान दखलकार है, खतियानी रैयत से उसका क्या संबंध है, और जमाबंदीदार कौन रहा है। इससे ज़मीन पर किसी का कब्जा या स्वामित्व स्पष्ट रूप से समझा जा सकेगा।


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