शोभन बाईपास चौड़ीकरण में अलाइनमेंट गैंग का खेल, किसानों का आरोप-बिल्डरों को बचाने के लिए खेती कुर्बान, दरभंगा में सड़क नहीं, साज़िश बिछी है!

Bihar News: दरभंगा के शोभन–एकमी बाईपास परसड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है, उसने ग्रामीणों और किसानों के सब्र का बाँध तोड़ दिया है। ...

दरभंगा में सड़क नहीं, साज़िश बिछी है! - फोटो : reporter

Bihar News: दरभंगा के शोभन–एकमी बाईपास परसड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है, उसने ग्रामीणों और किसानों के सब्र का बाँध तोड़ दिया है। पथ निर्माण विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण का सर्वे पूरा होते ही इलाके में बवाल मच गया है। किसानों का सीधा इल्ज़ाम है कि सड़क का अलाइनमेंट जानबूझकर बदला जा रहा है, ताकि कुछ खास बिल्डरों की अवैध अट्टालिकाएं बचाई जा सकें।

ग्रामीणों का कहना है कि कोरी डोर सड़क निर्माण के वक्त साफ ऐलान हुआ था कि मौजूदा शोभन–एकमी बाईपास को ही सीधा रखते हुए चौड़ा किया जाएगा। लेकिन अब शोभन चौक के पास मौजूद ऊँची-ऊँची इमारतों को बचाने के लिए सड़क को टेढ़ा करने की साज़िश रची जा रही है। इस डिज़ाइन बदलो, फायदा बांटो खेल में सैकड़ों छोटे किसानों की उपजाऊ ज़मीन कुर्बान की जा रही है।

किसानों का आरोप है कि अगर अलाइनमेंट बदला गया, तो शोभन से करीब तीन किलोमीटर दूर कंसी चौक होकर दरभंगा और सीतामढ़ी (मकिया रोड) की ओर जाना पड़ेगा। इससे ट्रैफिक का दम घुटेगा, दो चौक महज़ 200 फीट की दूरी पर बन जाएंगे और हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। इतना ही नहीं, सोलिस गेट बंद होने से एनएच-27 के दोनों ओर जलजमाव होगा, जिससे खेत पानी में डूब जाएंगे और फसल तबाह हो जाएगी।

ग्रामीणों का इल्ज़ाम है कि जिला प्रशासन और पथ निर्माण विभाग मिलकर एक “सफेदपोश साज़िश” को अंजाम दे रहे हैं। आरोप है कि अवैध रूप से खड़ी इमारतों को बचाने के लिए आम किसानों को कुचला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि बिहार सरकार द्वारा भेजी गई सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट टीम (पटना) ने सर्वे के दौरान साफ निर्देश दिया था कि केवल मौजूदा सीधे बाईपास का ही चौड़ीकरण होगा। उस बैठक में अंचलाधिकारी, भू-अर्जन अमीन समेत कई अफसर मौजूद थे।

अब ग्रामीणों का कहना है कि उसी रिपोर्ट को दरकिनार कर धोखे की पटकथा लिखी जा रही है। किसानों ने प्रशासन से चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर घरों के विस्थापन पर रोक नहीं लगी और खेती की ज़मीन को अधिग्रहण से बाहर नहीं रखा गया, तो सड़क पर संघर्ष होगा। दरभंगा में अब सवाल सिर्फ सड़क का नहीं, इंसाफ़ बनाम साज़िश का है।

रिपोर्ट- वरुण कुमार ठाकुर