Pitrupaksh Mela 2025 : ऑनलाइन पिंडदान पर भड़का पंडा समाज, सनातन धर्म पर हमला का लगाया आरोप, मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा डीएम से करूंगा बात

Pitrupaksh Mela 2025 : ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा का पंडा समाज ने कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इसे सनातन धर्म पर हमला बताया है......पढ़िए आगे

ऑनलाइन पिंडदान का विरोध - फोटो : MANOJ

GAYA : पितृपक्ष मेला 6 सितंबर से शुरू होने वाला है, लेकिन शुरुआत से पहले ही गयाजी के तीर्थ पुरोहित पंडा समाज में गुस्से का लावा फूट पड़ा है। वजह सरकार की ओर से ऑनलाइन पिंडदान का प्रचार करना, पंडा समाज का कहना है कि ऑनलाइन पिंडदान का कोई शास्त्रीय और सैद्धांतिक आधार नहीं है। यह सिर्फ लोगों को गुमराह करने और ठगने का जरिया है। उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जो कि गलत हैं। ऑनलाइन पिंडदान करने से कभी किसी के पूर्वजों का मोक्ष की प्राप्ति नहीं होने वाला है यात्रियों से ठगने का काम किया जा रहा है,जो गलत है।

विष्णुपद मंदिर परिसर में विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के द्वारा पंडा समाज के प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि वायु और अग्नि पुराण दोनों में लिखा है कि गया जी आकर, अपने क्षेत्र पुरोहित का गुरु वर्ण करने और यथाविधि श्राद्ध कराने के बाद ही पितरों की मुक्ति संभव है। बिना तीर्थ पुरोहित के आशीर्वाद के कोई भी कर्मकांड अधूरा है। ऐसे में ऑनलाइन पिंडदान आस्था पर सीधा प्रहार है।

विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल बिट्ठल ने तो इसे सनातन पर हमला करार दिया। उनका कहना  है कि पर्यटन विभाग देश-विदेश के लोगों से ऑनलाइन पिंडदान के नाम पर ठगी कर रहा है। भगवान श्रीराम, युधिष्ठिर, भीष्म पितामह तक गयाजी आए थे और यहां पिंडदान किया था। शास्त्रों में भी प्रमाण है कि बगैर गया जी आए और तीर्थ पुरोहित की आज्ञा लिए पितरों की मुक्ति संभव नहीं। उन्होंने साफ कहा कि गया के तीर्थ पुरोहित ब्रह्मकल्पित ब्राह्मण हैं और पिंडदान कराने का अधिकार सिर्फ इन्हें ही ब्रह्मा जी ने दिया है। बावजूद इसके विभाग आस्था से खिलवाड़ कर रहा है। यहां तक कि ऑनलाइन पिंडदान कराने वाले खुद को पंडा समाज का बताकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। सभा में मौजूद प्रतिनिधियों ने दो टूक कहा—घर बैठे-बैठे पितरों का पिंडदान कभी संभव नहीं। यह सनातन, धर्म और गया जी की पवित्रता—तीनों पर हमला है। 

वही मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि इसकी समीक्षा हम कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि पंडा समाज का ख्याल रखेंगे। उन्हें किसी तरह का नुकसान ना हो, इस पर डीएम से बात करेंगे और बेहतर रास्ता निकालेंगे। ताकि पंडा समाज के लिए भी कोई नुकसान न हो। साल भर का यह पर्व होता है उनका जीविका उपार्जन होता है। हम भी चाहेंगे कि ऑफलाइन हो। ऑनलाइन ना हो इस संदर्भ में डीएम से बात करके समाधान निकालेंगे।

गया से मनोज की रिपोर्ट