मैरिज बोर्ड में BPSC टीचर दिखाना बना विवाद की वजह,वायरल पोस्ट में देखें पूरी सच्चाई
"BPSC TEACHER" का उपयोग भले ही तकनीकी रूप से सटीक न हो, लेकिन यह किसी की उपलब्धि और खुशी का प्रतीक है। इसे लेकर जलन या आलोचना करना अनावश्यक है। समाज में दूसरों की सफलता का सम्मान करना और खुद को प्रेरित करना बेहतर विकल्प है।
Bihar news marriage hall: हाल ही में एक विवाह भवन की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दूल्हे के नाम के साथ "BPSC TEACHER" लिखा गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं, यह तर्क देते हुए कि BPSC केवल एक परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है, और दूल्हे का पद विद्यालय शिक्षक के रूप में मान्य है। लेकिन सवाल उठता है: इसमें जलन या आलोचना की आवश्यकता क्यों?
ये एक विवाह भवन का फोटो है जहाँ डिस्प्ले पर दूल्हे के नाम के साथ BPSC TEACHER लिखा आ रहा है जिसको लेकर कुछ लोग टारगेट कर रहे है । मानते है BPSC सिर्फ एग्जाम कंडक्टिंग बॉडी है और इनका पद विद्यालय अध्यापक का है लेकिन BPSC लिख देने से जलन क्यों ? जब कोई चीज ये लोग का बुरा आता है तो… pic.twitter.com/6ZgLXy1lVf
— बिहार शिक्षक मंच (@btetctet) November 25, 2024
BPSC बनी विवाद की वजह
शादी के डिस्प्ले में "BPSC TEACHER" लिखने का मकसद शायद खुशी और गर्व जताना है। हालांकि, BPSC केवल एक परीक्षा आयोजित करने वाला निकाय है और इसे "शिक्षक पद" के साथ जोड़ना तकनीकी रूप से सही नहीं है।
समाज में प्रतिस्पर्धा और जलन:
आलोचना करने वालों का मानना है कि यह "BPSC TEACHER" लिखना दिखावा है। वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह व्यक्ति की उपलब्धि को दर्शाता है और इसमें किसी को जलन महसूस करने की जरूरत नहीं।
सरकारी दस्तावेज में BPSC TEACHER का उपयोग:
कई सरकारी दस्तावेज़ों में "BPSC TEACHER" का उल्लेख किया गया है, जिससे यह साफ है कि इसे इस संदर्भ में इस्तेमाल करना असामान्य नहीं है।
आलोचना क्यों अनावश्यक है?
विवाह एक व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण अवसर है। अगर कोई अपनी उपलब्धि पर गर्व कर रहा है, तो उसे खुशी मनाने से रोकने का कोई कारण नहीं।
दिखावा या प्रेरणा?
यह आलोचकों की सोच पर निर्भर करता है कि वे इसे "दिखावा" मानते हैं या "प्रेरणा"। लेकिन सच्चाई यह है कि हर व्यक्ति को अपनी मेहनत और सफलता को साझा करने का अधिकार है।
प्रतिस्पर्धा का समाधान:
अगर किसी को इस तरह की उपलब्धियों से जलन हो रही है, तो इसका हल आलोचना नहीं, बल्कि खुद मेहनत करके उसी स्तर पर पहुंचने का प्रयास करना है।
समर्थकों का तर्क
भावनात्मक जुड़ाव: BPSC का उल्लेख व्यक्ति के मेहनत और सफलता की कहानी है।
सामाजिक स्वीकृति: समाज में सरकारी शिक्षक या "BPSC पास" व्यक्ति को एक खास सम्मान मिलता है।
खुद की खुशी: अगर इस एक शब्द से उनकी खुशी बढ़ती है, तो इसमें किसी और को समस्या क्यों होनी चाहिए?
आलोचकों को संदेश
दूसरों की खुशी में शामिल होना सीखें।
सफलता के लिए खुद प्रयास करें।
आलोचना के बजाय सकारात्मकता फैलाएं।