मुजफ्फरपुर RPF ने नकली रेल टिकट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 10 रुपए से कर दिया करोड़ों का खोटाला
यात्रियों को नकली टिकट से बचने और केवल अधिकृत रेलवे काउंटर या IRCTC के माध्यम से टिकट खरीदने की सलाह दी गई है।
Muzaffarpur News: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय नकली रेल टिकट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पटना के एक होटल से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह नकली टिकट बनाकर रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा था।
कैसे काम करता था गिरोह?
RPF प्रभारी मनीष कुमार के अनुसार, यह गिरोह पिछले दो साल से नकली टिकट बनाने और बेचने का काम कर रहा था। गिरोह कम दूरी के जनरल टिकट खरीदता था, जिनकी कीमत 10 रुपये या उससे कम होती थी। टिकट पर ब्लेड से स्टेशन का नाम, दूरी और किराया मिटा दिया जाता था। फिर, 125 अलग-अलग स्टेशनों के नाम, किलोमीटर और किराया अंकित करने वाली मोहरों का इस्तेमाल कर लंबी दूरी के टिकट तैयार किए जाते थे।
बेचने की प्रक्रिया
नकली टिकट असली किराए से 20-25 रुपये कम में बेचे जाते थे, जिससे यात्रियों को सस्ते टिकट का लालच दिया जाता था।
गिरोह के पास से जो सामान बरामद हुए उसमें 125 मोहरें जिन पर अलग-अलग स्टेशनों के नाम, किराया और किलोमीटर अंकित थे। 45 नकली जनरल टिकट, जो विभिन्न स्टेशनों के लिए बनाए गए थे।
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
उमेश साहनी (मुजफ्फरपुर)
दशरथ साहनी (मुजफ्फरपुर)
संतोष साह (मुजफ्फरपुर)
बिगु राम (वैशाली)
यह गिरोह मुजफ्फरपुर, पटना, दरभंगा, समस्तीपुर और बरौनी जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों पर सक्रिय था।
रोजाना 150-200 टिकटों की टेम्परिंग
यह गिरोह प्रतिदिन 150 से 200 टिकटों में हेरफेर करता था। नकली टिकट के कारण रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था।
यात्रियों को नकली टिकट के साथ पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ता था। पिछले दो सालों में करोड़ों का नुकसान। यह गिरोह पिछले दो वर्षों से सक्रिय था। RPF का मानना है कि इस गिरोह ने रेलवे को कई करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। अब RPF इस गिरोह के नेटवर्क की जांच कर रही है, यह पता लगाने के लिए कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
रेल यात्रियों के लिए चेतावनी
यात्रियों को नकली टिकट से बचने और केवल अधिकृत रेलवे काउंटर या IRCTC के माध्यम से टिकट खरीदने की सलाह दी गई है। नकली टिकट पर यात्रा करना न केवल जुर्माने का कारण बनता है, बल्कि इससे सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।