Minister Surrender: तोड़-फोड़ में आरोपी मोदी के मंत्री राजभूषण चौधरी का सरेंडर, जमानत मिली ,जानिए पूरा मामला
Minister Surrender:केंद्र सरकार में जलशक्ति राज्य मंत्री और मुजफ्फरपुर से लोकसभा सांसद डॉ. राजभूषण निषाद उर्फ राजभूषण चौधरी ने एमपी-एमएलए विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया।
Minister Surrender:केंद्र सरकार में जलशक्ति राज्य मंत्री और मुजफ्फरपुर से लोकसभा सांसद डॉ. राजभूषण निषाद उर्फ राजभूषण चौधरी ने बुधवार को एमपी-एमएलए विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। उनके खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप है।कोर्ट ने उन्हें 10-10 हजार रुपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दे दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई 2025 को होगी।
विवाद लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुजफ्फरपुर में मतदान के दिन का है।6 मई 2019 को डॉ. राजभूषण निषाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर EVM और VVPAT की तस्वीरें पोस्ट की थीं।इन तस्वीरों में वे ईवीएम का बटन दबाते हुए नज़र आ रहे थे, जो गोपनीयता उल्लंघन के दायरे में आता है।इसको लेकर तत्कालीन सहायक निर्वाचक निबंधक व मुशहरी के सीओ नागेंद्र कुमार ने 8 मई 2019 को नगर थाना में FIR दर्ज कराई थी।उसी चुनाव में राजभूषण निषाद ने वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के अजय निषाद से हार गए थे।
इस मामले की जांच के बाद 27 मई 2020 को पुलिस ने विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।30 अप्रैल 2025 को कोर्ट ने संज्ञान लिया और समन जारी कर डॉ. राजभूषण को पेश होने का निर्देश दिया।समन के आधार पर ही 19 जून 2025 को डॉ. राजभूषण ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
डॉ. राजभूषण निषाद बाद में भाजपा में शामिल हो गए और 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में गए अजय निषाद को हराकर पहली बार संसद पहुंचे।राजनीतिक हलकों में कहा जाता है कि अजय निषाद ने ही उन्हें भाजपा में लाकर वीआईपी के मुकेश सहनी को कमजोर करने की रणनीति बनाई थी, लेकिन अंततः राजभूषण ही भाजपा की पसंद बन गए और अजय निषाद को पार्टी छोड़नी पड़ी।
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा