Bihar Driving License: बिहार में सड़क सुरक्षा पर DTO की सख्ती! 1705 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित, 63 रद्द, टॉप लिस्ट पर गया
Bihar Driving License: बिहार के 38 जिलों में एक साल में 1705 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित और 63 लाइसेंस रद्द किए गए। जानिए किन कारणों से हुई यह कार्रवाई और कौन हैं टॉप उल्लंघन करने वाले जिले।
Bihar Driving License: बिहार परिवहन विभाग द्वारा 2024-25 में 1705 ड्राइविंग लाइसेंस (DL) को निलंबित और 63 को रद्द किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस व ट्रैफिक विभाग की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें रैश ड्राइविंग, नशे में वाहन चलाना और गंभीर सड़क दुर्घटनाएं प्रमुख कारण रहे।यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार अब केवल चालान पर निर्भर नहीं है, बल्कि ड्राइविंग अधिकार ही छीनने की नीति अपना रही है।
किस जिले में कितने DL निलंबित हुए?
जिला निलंबित DL की संख्या
गया 264
वैशाली 172
पटना 153
गोपालगंज 146
नालंदा 140
सीतामढ़ी 130
मोतिहारी 96
छपरा 65
दरभंगा 58
मधुबनी 30
मुजफ्फरपुर 23
बेतिया 23
समस्तीपुर 22
सिवान 18
शिवहर 11
गया जिला निलंबन में टॉप पर है, जिससे पता चलता है कि वहां ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन गंभीर स्तर पर हो रहा है।
क्यों रद्द किए गए ड्राइविंग लाइसेंस?
कुल 63 DL रद्द किए गए, जिनमें कटिहार में सबसे अधिक 23 DL रद्द और सबसे कम मुजफ्फरपुर व नालंदा में 5-5 DL रद्द किए गए हैं। इसमें मुख्य कारण के तौर पर शराब पीकर वाहन चलाना,जानलेवा रैश ड्राइविंग,लगातार गंभीर नियम उल्लंघन और सड़क दुर्घटना में होने वाली कई मौतें शामिल है।रद्दीकरण का मतलब है कि उस व्यक्ति को फिर से नया DL बनवाने की अनुमति नहीं होती, जब तक वह पुनः परीक्षण पास न करे।
डीएल निलंबन की प्रक्रिया क्या है?
ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की प्रक्रिया पूरी तरह से कानून आधारित और चरणबद्ध है। पुलिस/ट्रैफिक विभाग किसी उल्लंघन की रिपोर्ट बनाकर जिले के D.T.O. (District Transport Officer) को भेजता है।D.T.O. रिपोर्ट की समीक्षा कर DL निलंबन की अवधि तय करता है – आमतौर पर 3 से 6 माह।निलंबन के दौरान DL ऑफिस में जमा रहता है।निर्धारित समय पूरा होने के बाद चालान जमा करके पुनः DL जारी करवाया जा सकता है।यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन ट्रैकिंग और CCTV आधारित निगरानी से और भी सटीक हो रही है।
मुजफ्फरपुर केस स्टडी
मुजफ्फरपुर के D.T.O. कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि अधिकांश निलंबन केस दूसरे राज्यों में नशे में गाड़ी चलाने से जुड़े हैं। इससे पता चलता है कि अब राज्यों के बीच ट्रैफिक डेटा साझा किया जा रहा है, और सिर्फ स्थानीय ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर उल्लंघनों पर नजर रखी जा रही है।