Bihar Diwas 2025: बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है? सीएम नीतीश ने कब और क्यों शुरु की थी परंपरा, इस बार क्या है खास, जानिए

Bihar Diwas 2025: बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है औऱ सीएम नीतीश ने कब से बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी आइए जानते हैं....

न्यूज डेस्क |
Edited By : SAKSHI KUMARI |
Mar 22 2025 11:45 AM
Bihar Diwas 2025
Bihar Diwas 2025 - फोटो : social media

Bihar Diwas 2025:  बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन बिहार के गठन की वर्षगांठ का प्रतीक है। बिहार आज अपना  113 वां स्थापना दिवस मना रहा है। 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में स्थापित किया गया था। इससे पहले, बिहार बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा था, जिसमें वर्तमान झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल थे। ब्रिटिश सरकार ने प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे अलग राज्य का दर्जा दिया।

बिहार दिवस मनाने का उद्देश्य

बिहार दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक विरासत को सम्मान देना और लोगों को इससे जोड़ना है। यह दिन बिहार की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और आधुनिक विकास को रेखांकित करता है। इस अवसर पर राज्यभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, भाषण, और सामाजिक जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। युवाओं को बिहार की गौरवशाली परंपरा और संस्कृति से परिचित कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं।

बिहार का ऐतिहासिक महत्व

बिहार ऐतिहासिक रूप से बुद्ध, महावीर, चाणक्य, आर्यभट्ट और सम्राट अशोक की धरती रही है। चंपारण सत्याग्रह (1917) के माध्यम से बिहार ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राज्य का इतिहास नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों से जुड़ा है, जिसने इसे विश्व पटल पर पहचान दिलाई।

बिहार दिवस का आधुनिक संदर्भ

आज बिहार दिवस को सिर्फ ऐतिहासिक महत्व तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि यह राज्य के विकास और प्रगति का उत्सव बन चुका है। इस दिन बिहार में सरकारी अवकाश होता है और पूरे राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्टार्टअप्स और उद्योग के क्षेत्र में बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित किया जाता है। विभिन्न शहरों में कला, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया जाता है।

बिहार दिवस का संदेश

बिहार दिवस सिर्फ राज्य की स्थापना का दिन नहीं है, बल्कि यह राज्य की प्रगति, सांस्कृतिक पहचान और भविष्य की दिशा को तय करने का अवसर भी है। यह दिन बिहार के गौरवशाली इतिहास को याद कर उसे भविष्य में और सशक्त बनाने की प्रेरणा देता है। बिहार दिवस हर बिहारी के लिए अपने राज्य की समृद्धि, विकास और आत्मनिर्भरता का संकल्प लेने का अवसर है।

2010 में सीएन नीतीश ने की शुरुआत

बिहार के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम कराने की परंपरा की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की थी। 2010 से हर साल दो दिवसीय कार्यक्रम सरकार के द्वारा कराया जाता है। इस बार बिहार दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि पटना के गांधी मैदान में इस बार बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की थ्री-डी प्रतिकृति उकेरी जाएगी।

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