Bihar Mausam:अगले 3 घंटों में नालंदा और पटना के अधिकांश स्थानों पर वज्रपात/मेघगर्जन के साथ भारी वर्षा ,16 जिलों में येलो अलर्ट, बिजली गिरने का खतरा, पटना में रफ्तार थमी
Bihar Mausam:बिहार इन दिनों बादलों की बिसात पर खेल रहा है, और मेघों की मनमानी ने पूरे प्रदेश को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है। आसमान से बरसती बूंदें अब राहत नहीं, आफ़त बन चुकी हैं।
Bihar Mausam:बिहार इन दिनों बादलों की बिसात पर खेल रहा है, और मेघों की मनमानी ने पूरे प्रदेश को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है। आसमान से बरसती बूंदें अब राहत नहीं, आफ़त बन चुकी हैं। मौसम विभाग की मानें तो राज्य के अधिकांश ज़िलों में अगले 48 घंटों तक भारी से मध्यम वर्षा के साथ वज्रपात की चेतावनी जारी है।अगले 3 घंटों में नालंदा और पटना के अधिकांश स्थानों पर वज्रपात/मेघगर्जन के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है।
वैशाली, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और सुपौल जैसे उत्तर बिहार के ज़िले येलो अलर्ट के दायरे में आ चुके हैं। यानि कहीं तेज़ मेघगर्जन के साथ ज़मीन पर कहर बनकर गिर सकती है बिजली, तो कहीं पानी की बौछारें आम जनजीवन को थाम लेंगी।
राजधानी पटना की बात करें तो सुबह से ही आसमान पर बादलों की गहमागहमी रही। सूरज की एक झलक के साथ ही झमाझम बारिश ने दोपहर को पूरी तरह घेर लिया। सड़कों पर पानी की परतें, गाड़ियों की रेंगती रफ्तार और आमजन की बेबसी – यह शहर के मानसूनी मंजर की हक़ीक़त है। निचले इलाकों में जलजमाव ने लोगों के घरों तक दस्तक दी है।
सबसे बड़ी चेतावनी रोहतास के नौहट्टा क्षेत्र के लिए है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक यहां ज़बरदस्त वज्रपात की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से गुज़ारिश की है कि वे बिजली के खंभों, ऊंचे पेड़ों या खुले मैदानों से दूर रहें।
मौसम की इस करवट ने जहां खेतों में हरियाली की उम्मीद जगा दी है, वहीं शहरों में कीचड़ और फिसलन से हादसों का डर भी पैदा कर दिया है। बच्चों और बुज़ुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक पटना में अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री रहा, लेकिन हवा में 89% तक नमी ने वातावरण को भारी और चिपचिपा बना दिया है।
दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और मुज़फ्फरपुर जैसे पूर्वी और उत्तरी ज़िलों में भी गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। किसानों के लिए यह मानसूनी उपहार खेतों में नवजीवन का संचार कर सकता है, पर शहरी नागरिकों के लिए यही बूंदें आफ़त का सबब बन गई हैं।
बिहार मौसम सेवा केंद्र की मानें तो यह राहत स्थायी नहीं है। 30 जुलाई के बाद तापमान फिर से बढ़ने का अनुमान है। यानि अभी तो सिर्फ़ बारिश की चादर ओढ़ी है मौसम ने, लेकिन तपिश की वापसी दस्तक देने को तैयार है।
यह बरसात बिहार के लिए जीवन भी है और चुनौती भी। मेघों का यह जाल कब तक बिछा रहेगा, इसका जवाब सिर्फ़ वक़्त और मौसम के मिज़ाज के पास है। तब तक अलर्ट रहिए... क्योंकि आसमान से गिरने वाली हर बूंद में अब सिर्फ़ सुकून नहीं, एक चेतावनी भी छुपी है।