DTO ऑफिस पटना के ड्राइविंग केंद्र प्रभारी रितेश ने टेस्ट देने आए युवक के साथ की मारपीट,लगा गंभीर आरोप..लिखित शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं...
Driving license - ऑटोमेटिक ड्राइविंग केंद्र के प्रभारी रितेश सिंह पर लाइसेंस टेस्ट के लिए आए युवक ने मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया है।कहा मुझसे पैसे की भी डिमांड की गई।

Patna - पटना में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं,यह किसी से छिपा नहीं है। यहां आए दिन लाइसेंस बनवाने आनेवाले लोगों के साथ कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार के साथ पैसे की डिमांड की जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने आए युवक ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग केंद्र के प्रभारी रितेश सिंह पर गंभीर रूप से मारपीट और बद्तमीजी करने का आरोप लगाया है और इस मामले में डीटीओ के पास लिखित शिकायत दर्ज कराया है। हालांकि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं ड्राइविंग केंद्र के प्रभारी रितेश सिंह ने इन सारे आरोपों से इनकार किया और कहा कि युवक लाइसेंस के लिए पैसे का ऑफर कर रहा था।
बाढ़ का रहनेवाला है युवक
पटना जिले के बाढ़ के रहनेवाले कमलेश कुमार ने बताया कि उसने घर से एम परिहन से लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था,जिसके बाद टेस्ट देने के लिए बुलाया गया था। मेरे कागजात जांच के दौरान लर्नर लाइसेंस नहीं था। जिसके प्रभारी ने मुझसे पूछा कि कितने समय से गाड़ी चला रहे हैं। मैने बताया कि छह महीने से। इतना सुनते ही उन्होंने कहा कि लाइसेंस नहीं बन सकता है। मेरे द्वारा वजह पूछे जाने पर मारपीट और बद्जमीजी की गई।
कमलेश कुमार ने बताया कि मैं खुद से अप्लाई करके आया हूं मैं किसी दलाल के माध्यम से नहीं आया हूं... उसके बाद ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग केंद्र के प्रभारी रितेश सिंह के द्वारा उनसे पैसों का डिमांड किया गया। प्रभारी ने बोला कि हम लोग यहां पैसा देकर आए हैं तो आपको भी पैसा लगेगा। लेकिन जब मैंनें पैसे देने से मना कर दिया तो उन्होंने धमकी देनी शुरू कर दी।
कमलेश कुमार ने बताया कि वह खुद को बेगूसराय का बता रहे थे। कहा कि ऐसे गायब करेंगे कि पता भी नहीं चलेगा। रितेश सिंह ने कहा कि पैसे नहीं दोगे तो तुम्हारे कागजात पर दिव्यांग लिख देंगे, जिसके बाद कभी भी लाइसेंस नहीं बन पाएगा। इसके बाद मेरा आवेदन फेंक दिया गया। वहीं उनके कुछ लोगों ने मेरा फोन छिनकर तोड़ दिया। मेरा पास दूसरा फोन नहीं है,इसका पैसा कौन देगा।
रितेश ने पल्ला झाड़ा
वहीं इस पूरे मामले में ड्राइविंग सेंटर इंचार्ज रितेश सिंह का कहना है कि जो भी कहा जा रहा है। वह पूरी तरह से गलत है। वह लड़का आया था। मैनें पूछा कि कितने दिन से गाड़ी चला रहा है तो उसने बताया कि चार महीने से। जिसके बाद हमने उनसे इतना कहा कि ट्रेनिंग के लिए हम अपनी गाड़ी नहीं दे सकते हैं, अपनी गाड़ी लेकर आइए। ऐसा इसलिए किया गया कि अभी गाड़ी पर कंट्रोल सही नहीं है। ट्रैक को नुकसान हो सकता है। उन्होंने मारपीट की बात से इनकार किया। कहा कि वह लड़का किसी भी कीमत पर लाइसेंस बनवाना चाहता था। इसके लिए उसने 20 हजार देने की बात कही। उनका कहना था कि सिर्फ एक को छोड़कर किसी को परेशानी नहीं है।
हालांकि ड्राइविंग सेंटर प्रभारी के इन बातों को वहां मौजूद कुछलोगों ने गलत बताया। उनका कहना था कि हमलोगों ने देखा था कि सेंटर प्रभारी कमलेश नाम के युवक का गला दबाकर कमरे से बाहर निकाल रहे थे।
अब डीटीओ के पास मामला
अब यह पूरा मामला डीटीओ के पास पहुंच गया है।लाइसेंस नहीं बनने पर युवक ने सीधे डीटीओ के पास इसकी शिकायत की है। लेकिन इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जो बताता है कि विभाग में किस तरह से एक दूसरे को बचाने की कोशिश की जाती है।