सम्राट के हाथ में बिहार पुलिस की कमान, ट्रांसफर–पोस्टिंग पर अब डिप्टी सीएम का पूरा दबदबा, IAS ट्रांसफर का अधिकार CM नीतीश के पास बरकरार

Bihar Politics: बिहार की सियासत एक बार फिर अपने नए मोड़ पर आ गई है, जहां सत्ता के गलियारों में अधिकार और इंतजाम की बागडोर नए हाथों में सिमटती दिख रही है।

पुलिस महकमे की पूरी सल्तनत सम्राट के हाथ में - फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार की सियासत एक बार फिर अपने नए मोड़ पर आ गई है, जहां सत्ता के गलियारों में अधिकार  और इंतजाम की बागडोर नए हाथों में सिमटती दिख रही है। राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को अब कानून-व्यवस्था और पुलिस महकमे का पूरा अधिकार मिल चुका है। यह फैसला न सिर्फ प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, बल्कि सत्ता के भीतर बढ़ते राजनीतिक समीकरणों का भी अहम संकेत देता है।

अब भारतीय पुलिस सेवा  से लेकर बिहार पुलिस सेवा  के अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग सीधे-सीधे सम्राट चौधरी के हुक्म पर होगा। पुलिस विभाग का इतना बड़ा इख़्तियार किसी भी नेता को राजनीतिक तौर पर मज़बूत कर देता है, क्योंकि पुलिस तंत्र ही ज़मीनी स्तर पर सरकार का सबसे प्रभावी औज़ार माना जाता है।

हालांकि, सत्ता का असल केंद्र सामान्य प्रशासन विभाग अब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही है। यह वही विभाग है जो आईएएस और बिहार प्रशासनिक सेवा ) के अफसरों की नियुक्ति, तबादला, प्रमोशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई जैसे अहम फैसले लेता है। यानी उच्च प्रशासनिक ढांचे की लगाम अब भी नीतीश के हाथ में मजबूती से कायम है।

बिहार की राजनीति में सामान्य प्रशासन विभाग को हमेशा से सूबे की धड़कन माना जाता रहा है। वजह साफ है पुलिस हो या प्रशासन, दोनों की रीढ़ इसी विभाग से संचालित होती है। परंपरागत रूप से यह विभाग कभी भी मुख्यमंत्री से बाहर नहीं गया, क्योंकि यह सीधे सत्ता की पकड़ को क़ायम रखता है।

लेकिन इस बार बिहार की सियासी बिसात पर एक बड़ा दांव चला गया है। दो दशकों में पहली बार नीतीश कुमार ने सूबे का सबसे शक्तिशाली माना जाने वाला गृह मंत्रालय अपने सहयोगी दल भाजपा के खाते में डाला है। इससे न सिर्फ सम्राट चौधरी का कद बेतहाशा बढ़ा है, बल्कि भाजपा की सरकार में हिस्सेदारी भी पहले से कहीं अधिक मज़बूत दिख रही है।

नई कैबिनेट के शपथ ग्रहण के बाद विभागों का बंटवारा हुआ और उसी में यह ऐतिहासिक फैसला दर्ज हो गया। अब प्रशासन की रियासत दो हिस्सों में बंटी खड़ी है एक तरफ नीतीश के पास उच्च प्रशासन का केंद्र

और दूसरी तरफ सम्राट चौधरी के पास पुलिस महकमे की पूरी सियासी सल्तनत। भविष्य की राजनीति इसी ताक़त के तक़सीम में नए रंग और नए टकराव तलाश रही है।