Bihar Rain Alert: अगले 24 घंटों में रौद्र रूप धारण करने वाला है मौसम! तेज आंधी, बारिश और ठनका की आशंका, रेड अलर्ट जारी
बिहार में मौसम ने लिया रौद्र रूप। जानिए किन जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है और कैसे इस खराब मौसम से खुद को सुरक्षित रखें। अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण!

Bihar Rain Alert: बिहार में इस साल पहली बार मौसम विज्ञान केंद्र ने रेड अलर्ट जारी किया है, जो अपने आप में चिंता का विषय है। तेज़ आंधी, ओलावृष्टि, भारी बारिश, और वज्रपात (ठनका) के बढ़ते खतरे को देखते हुए गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और शिवहर जैसे ज़िलों में चेतावनी दी गई है। यह खराब मौसम 19 अप्रैल तक बना रह सकता है।
क्या होता है रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट?
रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत गंभीर है और जन-जीवन को भारी नुकसान पहुँच सकता है। वहीं, ऑरेंज अलर्ट का मतलब होता है कि खतरा बना हुआ है और लोगों को उच्च सतर्कता बरतनी चाहिए।
किन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है?
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार के 27 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 40 से 50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, साथ ही मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। संबंधित जिले हैं, जो इस प्रकार है। सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली, समस्तीपुर, पटना, नालंदा, जहानाबाद, गया, नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, बेगूसराय, खगड़िया और शेखपुरा।
पिछले 24 घंटे में मौसम की स्थिति
बारिश और आंधी का असर सिर्फ डर तक सीमित नहीं है, यह तापमान और प्रदूषण पर भी दिखने लगा है। डेहरी राज्य का सबसे गर्म शहर बना रहा, जहां पारा 39.3°C तक चढ़ा। गया भी 38°C पर पहुंचा।पटना, जो कि राजधानी है, वहां 35.6°C दर्ज हुआ, लेकिन हवा में नमी और गरमी ने इसे और असहनीय बना दिया। वहीं पूर्णिया और भागलपुर में बारिश के कारण थोड़ी राहत रही और तापमान क्रमश: 29.5°C और 32.6°C रहा।
प्रदूषण भी बना परेशानी का कारण
जहां एक ओर मौसम परेशान कर रहा है, वहीं प्रदूषण (AQI) भी चिंता का विषय है:
पटना का AQI: 129 (मध्यम श्रेणी)
डेहरी का AQI: 144
मुजफ्फरपुर का AQI: 128
यह स्तर संवेदनशील लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है — खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोगियों के लिए।
सुरक्षा के लिए क्या करें?
वज्रपात के दौरान खुले मैदान में न जाएं।
बिजली उपकरणों को बंद रखें और मोबाइल का इस्तेमाल सावधानी से करें।
तेज़ हवाओं के दौरान पेड़ों और बिलबोर्ड्स से दूर रहें।
बिना आवश्यक काम के घर से बाहर न निकलें।
कृषि कार्यों और खुले खेतों में जाने से बचें।