Bihar Election Commission:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग का सख्त रुख, इन 30 दलों को 'कारण बताओ' नोटिस, सियासी गलियारे में हड़कंप
Bihar Election Commission:बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने 30 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है....
Bihar Election Commission:बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने 30 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जो अपनी वार्षिक ऑडिटेड अकाउंट्स डिटेल समय पर जमा नहीं करा पाए हैं। आयोग ने इन दलों को 10 अक्टूबर तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने और साक्ष्य प्रस्तुत करने की अंतिम समयसीमा दी है।
निर्वाचन विभाग के आदेश में कहा गया है कि यह नोटिस उन रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए है, जिन्होंने पिछले वर्षों में लगातार अपने वित्तीय विवरण नहीं जमा किए। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इन दलों ने 30 नवंबर 2022, 31 दिसंबर 2023 और 15 दिसंबर 2024 तक अपनी वार्षिक ऑडिटेड अकाउंट्स डिटेल दाखिल नहीं की थी, बावजूद इसके कि चुनावी प्रक्रिया में ये दल हिस्सा ले चुके थे।
इन दलों में आम अधिकार मोर्चा, अखिल भारतीय मानवाधिकार विचार मंच पार्टी, अखिल भारतीय मिथिला पार्टी, अपना अधिकार पार्टी, भारतीय आम जनता विकास पार्टी, भारतीय जनतांत्रिक जनता दल, भारतीय मित्र पार्टी, जनता दल राष्ट्रवादी, गरीब जनक्रांति पार्टी, भारतीय पार्टी लोकतांत्रिक, हमारा सहारा पार्टी, गरीब जनशक्ति पार्टी, जनता राज विकास पार्टी, जय हिंद पार्टी, जनतांत्रिक विकास पार्टी, लोक सेवा दल लोकतांत्रिक, सर्वजन समाज पार्टी, जवान किसान मोर्चा, मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा, नेशनल टाइगर पार्टी, प्रगतिशील मगही समाज, राजनीतिक विकल्प पार्टी, पब्लिक मिशन पार्टी, राष्ट्रीय जागृति पार्टी, राष्ट्रीय जन जागरण मोर्चा, राष्ट्र सेवा दल, राष्ट्रीय समता पार्टी, राष्ट्रीय जन विकास पार्टी डेमोक्रेटिक और सेकुलर स्वराज पार्टी लोकतांत्रिक और वंचित समाज पार्टी शामिल हैं।
चुनाव आयोग लगातार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में लगातार छह साल तक चुनाव न लड़ने वाले 474 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द किया गया, जबकि इससे पहले 334 दलों को सूची से हटाया जा चुका था। अब तक कुल 808 राजनीतिक दलों को हटाया जा चुका है और 359 अन्य दलों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है।
चुनाव आयोग का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि चुनावी मैदान सिर्फ सक्रिय और पारदर्शी दलों तक सीमित रहे, और वित्तीय अनुशासन के बिना चुनाव लड़ने वाले दलों को अनुमति न दी जाए। आयोग ने साफ कर दिया है कि इस प्रक्रिया में सभी तथ्यात्मक पक्ष को ऑफिस स्तर से संकलित कर सीधे आयोग को भेजा जाएगा।