Bihar Assembly Election: हार गए जनवरी 2024 में नीतीश सरकार को गिराने वाले पाँच विधायक, अब ईओयू की तफ़्तीश से बढ़ी परेशानी
तीश सरकार गिराने की साज़िश में नाम आए पाँच विधायक मिश्रीलाल यादव, दिलीप राय, रश्मि वर्मा, बीमा भारती और डॉ. संजीव कुमार इस बार दोबारा विधानसभा की दहलीज़ तक नहीं पहुँच सके।...
Bihar Assembly Election: बिहार की सियासी बिसात में जनवरी 2024 की जिस बग़ावती मुहिम ने सत्ता के गलियारों में भूचाल ला दिया था, उसका असर इस बार के चुनावी नतीजों में साफ़ झलक पड़ा। नीतीश सरकार गिराने की साज़िश में नाम आए पाँच विधायक मिश्रीलाल यादव, दिलीप राय, रश्मि वर्मा, बीमा भारती और डॉ. संजीव कुमार इस बार दोबारा विधानसभा की दहलीज़ तक नहीं पहुँच सके।
तीन नेताओं को तो उनकी ही पार्टियों ने बेटिकट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया, जबकि दल-बदल कर मैदान में उतरीं पूर्व मंत्री बीमा भारती और परबत्ता के पूर्व विधायक डॉ. संजीव कुमार को मतदाताओं ने भारी अंतर से नकार दिया।
उधर, इस मामले की शिकायत दर्ज कराने वाले हरलाखी के जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने न सिर्फ़ अपनी सीट बचाई, बल्कि बड़ी जीत के साथ दोबारा विधानसभा पहुँचे। मानो अवाम ने यह संदेश दे दिया हो कि सियासी खेल में साजिश का बाज़ार चलाने वालों को नही, बल्कि सच बोलने वालों को तवज्जो मिलती है।
साज़िश के इस मुक़दमे में जदयू की पूर्व मंत्री बीमा भारती, परबत्ता से रहे डॉ. संजीव कुमार, सुरसंड के पूर्व विधायक दिलीप राय और अलीनगर के भाजपा के पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव सहित कई नेताओं को नोटिस देकर ईओयू ने तफ़्तीश के लिए तलब किया था। इनके अंगरक्षकों और सहयोगियों से भी अलग-अलग पूछताछ कर बयान दर्ज किए गए, जिससे कई अहम सुराग हाथ लगे।
बीमा भारती ने इस चुनाव में राजद के टिकट पर रूपौली से किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें 51,254 वोटों के बड़े फ़ासले से शिकस्त मिली। वहीं, डॉ. संजीव कुमार भी राजद से परबत्ता में उतरे, पर लोजपा उम्मीदवार से 34,000 से अधिक वोटों से हार गए। जदयू ने दिलीप राय को और भाजपा ने मिश्रीलाल यादव व रश्मि वर्मा को टिकट देने से इंकार कर दूरी बना ली।
फरवरी 2024 में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, जदयू भाजपा के कई विधायकों को विश्वास प्रस्ताव के ख़िलाफ़ मतदान करने के बदले मंत्री पद और 10-10 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। ईओयू की जाँच में अवैध वित्तीय लेन-देन से जुड़े कई दस्तावेज़ भी बरामद हुए। इसी साज़िश का मुख्य चेहरा बताए जाने वाले वैशाली के राजद नेता ई. सुनील को भी नोटिस देकर पूछताछ की गई थी।
जदयू विधायक सुधांशु शेखर की 11 फरवरी की प्राथमिकी में यह भी आरोप था कि बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण करने का प्रयास किया गया, ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान कर सकें।बिहार की सियासत में यह पूरा मामला अब भी एक सबक़ की तरह याद किया जा रहा है जहाँ कुर्सी की खातिर किए गए सियासी सौदे अंततः नेताओं की साख और सफ़र दोनों को मिट्टी में मिला देते हैं।