नीतीश सरकार के फैसले पर अब जदयू विधायक ने जताई गंभीर चिंता, नौकरशाहों के 4 से 6 महीने में हो ट्रांसफर के खिलाफ जारी की चिट्टी
4 से 6 महीने में ही अधिकारियों और कर्मियों के बार बार ट्रांसफर पोस्टिंग होने को विकास में बाधक बताते हुए जदयू विधायक ने सीएम नीतीश को पत्र लिखकर इस पर गंभीर चिंता जताई है.
Bihar transfer posting : बिहार में हाल के महीनों में नौकरशाहों के तबादलों की झड़ी लगी हुई है. स्थिति है कि आईएएस, आईपीएस हो या अन्य श्रेणी के नौकरशाह उनके तबादले में कुछ को 4 महीने तो कुछ को 6 महीने की छोटी अवधि में ही स्थानांतरित किया गया है. नीतीश सरकार के इन फैसलों ने जहां कुछ मामलों में नौकरशाहों को परेशान किया है तो वहीं अब इसे लेकर सत्तारूढ़ जदयू के विधायक ने भी सवाल उठाया है. विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे तबादलों से विकास कार्य बाधित होता है. उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी भी लिखी है.
बार बार के तबादलों पर सवाल उठाने वाले जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हैं. उन्होंने सीएम नीतीश को लिखे पत्र में कहा है किबिहार सरकार के नियमानुसार किसी भी सरकारी कर्मी /अधिकारी का ट्रांसफर और पोस्टिंग कम से कम 3 साल के उपरांत ही होता है. कुछ ट्रांसफर पोस्टिंग विशेष परिस्थितियों के कारण भी किया जाता है.
उन्होंने बताया है कि ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा खगड़िया जिले के कार्यपालक अभियंता रामानुज कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल गोगरी को मात्र चार माह के संतोषप्रद कार्यकाल के दौरान ही ट्रांसफर कर अन्यत्र पदस्थापित किया जा रहा है. संजीव कुमार ने चिंता जताते हुए कहा कि इनके जाने से चुनावी साल में चल रही योजनाओं को ससमय कार्य पूर्ण होने में कठिनाई होगी. चार माह के ही कार्यकाल में इनका स्थानांतरण होना सोचनीय विषय है.
6 महीने में पटना एसएसपी का तबादला
दरअसल, यह कोई इकलौता मामला नहीं है जिसमें नौकरशाहों का बार बार तबादला हुआ हो या कुछ महीने में ही नई पोस्टिंग दी गई हो. हाल ही में पटना में एसएसपी का तबादला हुआ. आईपीएस अवकाश कुमार को पटना एसएसपी से हटाकर बीएमपी भेज दिया गया है. IPS अवकाश कुमार केवल 6 महीने ही पटना के एसएसपी बनकर रह सके. अवकाश कुमार दिसंबर 2024 में पटना के एसएसपी बनाए गए थे. अब कार्तिकेय शर्मा को नए एसएसपी की जिम्मेदारी मिली है. इसी तरह कई अन्य अधिकारियों का नाम इस तरह के कम अवधि के तबादले वाली सूची में शामिल है.
सीएम नीतीश को चिट्ठी
ऐसे में अब जदयू विधायक संजीव कुमार ने अपनी ही सरकार में हो रहे इस प्रकार के कम अवधि में नौकरशाहों के तबादले पर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने पत्र की प्रतियां मुख्य सचिव और आरडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी है. साथ ही उन्होंने कथित रूप से कई अन्य ऐसे मामलों का भी जिक्र किया जिसमें बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड में एक साथ सैंकड़ों इंजीनियरों का ट्रांसफर करना और यहां तक कि 3 महीने ही दोबारा तबादला करने पर चिंता जताई है.