Bihar Vidhansabha Election: अमित शाह से मिले जीतनराम मांझी, विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर फैसले की तारीख तय, हम प्रमुख ने प्रकट की नाराजगी

बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सोमवार को दिल्ली में जीतनराम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की जिसमें एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे सहित कई अन्य मामलों पर चर्चा हुई.

Manjhi met Amit Shah
Manjhi met Amit Shah- फोटो : news4nation

Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हिन्दुस्तानी अवाम मोर्च प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद मांझी ने एनडीए के घटक दलों में सीट शेयरिंग को लेकर बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि जून के अंत और जुलाई के फर्स्ट वीक में एनडीए के लोग बैठेंगे उसमें सीट शेयरिंग को लेकर बात होगी. 


वहीं हम इस बार कितने सीटों पर चुनाव में उतरेगी इस पर मांझी ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर हम मांग नहीं किए हैं. कितनी सीट चाहिए इसे लेकर कोई संख्या तय नहीं की गई है. लेकिन उम्मीद है कि सबको सम्मानजनक सीटें मिलेंगी. चुनाव में एनडीए के नेतृत्व कौन करेगा के सवाल पर मांझी ने कहा कि इसमें कोई असमंजस की स्थिति नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के घटक दल चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने दावा किया कि इस बार एनडीए 225 सीट जीतेंगा. साथ ही फिर से नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनेगी.


नजरअंदाज़ करने से दुखी

मांझी ने कहा किबीस सूत्री में हमे नजरअंदाज़ किया गया है इसको लेकर हमने दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि बीस सूत्री के गठन के समय बात करनी चाहिए थी लेकिन संजय जायसवाल और दिलीप जायसवाल ने माना गड़बड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर हमारे दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अनुशंसा कर दी है. जहां गड़बड़ी है उसमें बीस सूत्री में कुछ नाम जोड़े जाएंगे. 


शराबबंदी नियम पर खूब बोले

राजद के तेजस्वी यादव द्वारा ताड़ी को शराबबंदी से बाहर किये जाने के बयान पर जीतनराम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले ही इसे फ्री किए हुए हैं. मद्य निषेध के तहत यह फ्री है. उन्होंने कहा कि पूरा मद्य निषेध खराब नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हैं कि उन्होंने समीक्षा किया और जो थोड़ा पी लेते हैं, उन्हें केवल पेनाल्टी लगाकर छोड़ने की बात की गई है. लेकिन, अधिकारी उन्हें जेल में डाल देते हैं जो पेनाल्टी नहीं दे पाते हैं . इस मामले में नीतीश कुमार को अपने तंत्र पर कड़ाई करना चाहिए. 

दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट

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