Bihar Politics: मोदी-नीतीश ने रचा 70,000 करोड़ के घोटाले का इतिहास ! लालू-तेजस्वी ने पीएम-सीएम को कैग रिपोर्ट दिखाकर धो दिया
Bihar Politics: बिहार के खजाने से 70 हजार करोड़ गायब। कागजों में फर्जी काम और निकासी पूरी... कैग रिपोर्ट को लेकर लालू-तेजस्वी ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर बड़ा हमला बोला है।
Bihar Politics: बिहार की नीतीश सरकार ने कैग को 70,877 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किए हैं। जिसके बाद से ही विपक्ष सरकार पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा रहा है। इसी कड़ी में राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। एनडीए सरकार को घोटालाबाज करार देते हुए लालू-तेजस्वी ने मोदी-नीतीश को जमकर लताड़ा है।
लालू-तेजस्वी का बड़ा हमला
राजद सुप्रीमो ने इसको लेकर अपने सोशल मीडिया पर ट्विट किया है तो वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने भी ट्विट कर बड़ा हमला बोला है। दरअसल, बिहार की नीतीश सरकार ने 70,877 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र कैग को प्रस्तुत नहीं किए हैं. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 70,877 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहने के लिए बिहार सरकार की खिंचाई की है। वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के वित्त पर कैग की रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की तो इसका खुलासा हुआ था। इसमें कहा गया है, "निर्धारित समय सीमा के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता के बावजूद, 31 मार्च, 2024 तक बिहार के महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को 70,877.61 करोड़ रुपये के 49,649 बकाया उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुए।"
कैग ने पकड़ी चोरी
तेजस्वी यादव ने इसको लेकर ट्विट कर कहा कि, मोदी-नीतीश के सौजन्य से बिहार में 𝟕𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ का घोटाला। कैग ने पकड़ी चोरी! काम नहीं दिखा लेकिन खर्च पूरा हुआ, घोटाला भी किया और सबूत भी नहीं छोड़ा ! मोदी-नीतीश ने 𝟕𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ का घोटाला कर इतिहास रच दिया। सृजन घोटाले की तरह अब इसे भी दिल्ली से लेकर पटना तक मैनेज करने की कोशिशें हुई तेज ! तेजस्वी यादव ने इसके साथ ही एक पोस्टर भी शेयर किया है। पोस्टर में नीतीश-मोदी की तस्वीर है जिसमें लिखा गया है कि यूं ही नहीं नंबर वन गरीब राज्य बना बिहार, 71 हजार करोड़ रुपए का घपला कर गई ये डबल इंजन की सरकार।
बिहार में अब 70000 करोड़ का घोटाला
वहीं लालू यादव ने ट्विट कर लिखा कि, बिहार में अब 𝟕𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ का घोटाला। सरकार में बैठे 𝐍𝐃𝐀 के लोग बिहार को दीमक की तरह खोखला कर चुके है। मुख्यमंत्री नीतीश और प्रधानमंत्री मोदी की बेलगाम अपराध और बेतहाशा भ्रष्टाचार पर चुप्पी आपराधिक है। नीतीश के राज में लाखों करोड़ के 𝟏𝟎𝟎 से अधिक घोटाले हुए है। सरकार मानती भी है घोटाले हुए है लेकिन कोई जाँच नहीं, कोई दोषी नहीं।
यूं नहीं कोई पलटीमार बन जाता है...
इसके साथ ही राजद सुप्रीमो ने एक पोस्टर शेयर किया है जिसमें मोदी-नीतीश एक साथ बैठे हैं और सीएम नीतीश, पीएम मोदी से एक पेपर पर साइन करा रहे हैं। और कह रहे हैं कि बस क्लीन चिट दे दीजिए। वहीं अगल बगल कई बोरे रखे गए हैं जिसमें 71 हजार करोड़ घोटाला, सृजन घोटाला-2 हजार करोड़ और 20 वर्षों से घोटाला लिखा है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि यूं नहीं कोई पलटीमार बन जाता है। लालू यादव ने कहा कि, बिहार के खजाने से 70 हजार करोड़ गायब। कागजों में फर्जी काम और निकासी पूरी।
कैग को नहीं मिला हिसाब
गौरतलब हो कि, रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगिता प्रमाण पत्रों के अभाव में, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वितरित धनराशि का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए किया गया है। इसके अलावा, उपयोगिता प्रमाण पत्रों के लंबित रहने से गबन, दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग का खतरा बना रहता है। कुल 70,877.61 करोड़ रुपये में से 14,452.38 करोड़ रुपये 2016-17 तक की अवधि के थे। वही शेष राशियों अगले वित्त वर्षों के हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज़्यादा भुगतान न करने वाले पाँच विभाग पंचायती राज (28,154.10 करोड़ रुपये), शिक्षा (12,623.67 करोड़ रुपये), शहरी विकास (11,065.50 करोड़ रुपये), ग्रामीण विकास (7,800.48 करोड़ रुपये) और कृषि (2,107.63 करोड़ रुपये) हैं।