News 4 Nation के खुलासे का बड़ा असर बिक्रम के पूर्व थानेदार पर तगड़ा एक्शन
पटना पुलिस ने तत्कालीन बिक्रम थानाध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच मात्र 24 घंटे के भीतर पूरी कर ली गई। जांच रिपोर्ट में विनोद कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।अग्रतर (आगे की) कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना को अनुशंसा भेज दी गई है।
पटना पुलिस ने विक्रम थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष दारोगा विनोद कुमार के विरुद्ध गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने विदाई समारोह में शराब माफिया, बालू माफिया और आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों से उपहार स्वीकार किए। दरअसल News 4 Nation के खुलासे जिसका शीर्षक “थानेदार की विदाई का अजब मंज़र! शराब माफिया,बालू माफिया और कुख्यात अपराधियों का लगा मज़मा” के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) ने स्वतः संज्ञान लिया और 24 घंटे के भीतर विस्तृत जाँच कराई, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया।दोषी पाए जाने के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही, उनके विरुद्ध अग्रतर (आगे की) कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना को अनुशंसा भेज दी गई है।
दरअसल, दरअसल News 4 Nation के खुलासे जिसका शीर्षक “थानेदार की विदाई का अजब मंज़र! शराब माफिया,बालू माफिया और कुख्यात अपराधियों का लगा मज़मा” के तहत लिखा था कि
बिहार की राजधानी यानि पटना जिले में विगत दिनों पुलिस मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दुरी पर एक थाने में थानेदार की विदाई समारोह के दौरान उस समय स्थिति असहज हो गई, जब कानून के रखवाले की विदाई में कानून तोड़ने वालों का तांता लग गया। इस विदाई कार्यक्रम में न केवल आम लोग, बल्कि इलाके के शराब माफिया,बालू माफिया कुख्यात अपराधी और संदिग्ध चेहरे भी खुलकर शामिल हुए। एक पुलिस अधिकारी के सम्मान में अपराधियों की मौजूदगी ने पुलिस विभाग की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
शराब और बालू माफियाओं का खुला प्रदर्शन
विदाई समारोह में सबसे अधिक चर्चा शराब और बालू माफियाओं की उपस्थिति की रही। जिस थानेदार का जिम्मा इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना था, उनके विदाई कार्यक्रम में उन्हीं सिंडिकेट के संचालकों ने शिरकत की। इस घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इलाके में होने वाले अवैध धंधों को थाने का संरक्षण प्राप्त था। दरअसल, तस्वीर में दिखाई दे रहा शख्स बिक्रम के नगहर गांव का मृणाल यादव जो इलाके का चर्चित शराब माफिया है, पटना पश्चिम क्षेत्र में जिन 18 माफिया की संपत्ति जब्त का प्रस्ताव न्यायालय में भेजा गया है, उसमें विक्रम थाना क्षेत्र के मृणाल कुमार पिता पंचानंद यादव यानि इसका नाम भी शामिल है।यही नहीं मृणाल यादव रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मामले में भी जेल गया है।यानि जिसकी संपति ज़ब्त करना है वो थानाध्यक्ष को विदाई दे रहा है।
वही बालू माफियाओं की उपस्थिति में सबसे उल्लेखनीय रहा रानीतालाब थाना क्षेत्र के बालू कारोबारी सह माफिया के तौर पर चर्चित फंटूश की तस्वीर ने रही सही कसर को पूरा कर दिया...
हार्डकोर अपराधी गोरख पासवान की मौजूदगी
इस महफिल का सबसे चौंकाने वाला चेहरा गोरख पासवान गोरखरी का रहा। गोरख पासवान कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि एक हार्डकोर क्रिमिनल है जो हत्या और हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामलों में करीब 10 बार जेल की हवा खा चुका है। चर्चित बबलू मुखिया गोलीकांड में गोली चलाने का मुख्य आरोपी भी वही था। ऐसे दुर्दांत अपराधी का थानेदार की विदाई में शामिल होना पुलिस और अपराधियों के बीच के गहरे रिश्तों की ओर इशारा करता है।
समारोह में केवल गोरख पासवान ही नहीं, बल्कि शराब और बालू माफियाओं का भी जमावड़ा लगा रहा। जिस अधिकारी पर इन माफियाओं और अपराधियों को जेल भेजने की जिम्मेदारी थी, उनकी विदाई में इन्हीं तत्वों का 'शक्ति प्रदर्शन' पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है। संगीन अपराधियों के साथ थानेदार की यह जुगलबंदी अब चर्चा का विषय बन गई है, जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
इस खबर पर पटना के विक्रम थाना के पूर्व थानाध्यक्ष (SHO) और पुलिस अवर निरीक्षक विनोद कुमार के खिलाफ पटना पुलिस ने त्वरित और कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। यह मामला उनके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक विवादास्पद लेख के वायरल होने के बाद शुरू हुआ। इस लेख के सामने आते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, जिसके बाद वरीय अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया।मामले की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन थानाध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच मात्र 24 घंटे के भीतर पूरी कर ली गई। जांच रिपोर्ट में विनोद कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। पुलिस विभाग का मानना है कि एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए सोशल मीडिया पर इस तरह के विचार साझा करना पुलिस मैनुअल और अनुशासन का उल्लंघन है।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद प्रशासन ने विनोद कुमार को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। उनसे यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनके इस कृत्य के लिए उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।