CM Nitish Oath: नीतीश की ताजपोशी की तारीख तय! बिहार की सियासत में नई इबारत लिखने को तैयार एनडीए, गांधी मैदान बनेगा सत्ता का मैदान
बड़े जनादेश की नुमाइंदगी करती नई एनडीए सरकार का शपथग्रहण समारोह अबकी बार पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने जा रहा है। ....
CM Nitish Oath: बिहार की सियासत इन दिनों हंगामाखेज सुर्ख़ियों में है। बड़े जनादेश की नुमाइंदगी करती नई एनडीए सरकार का शपथग्रहण समारोह अबकी बार पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने जा रहा है। मानो सत्ता ने खिंच कर तमाचा मारते हुए यह संदेश दे दिया हो कि बिहार की सियासी ज़मीन पर उसका जलवा बरक़रार है और यह जश्न किसी बंद कमरे का नहीं बल्कि अवाम के बीच खुले मैदान में मनाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, समारोह बुधवार या गुरुवार को संभावित है, जिसकी अंतिम मुहर प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति के बाद लगेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत देशभर के दिग्गज एनडीए नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्रियों तथा शुरुआती चरण के कुछ मंत्रियों को भव्य मंच पर शपथ दिलाई जाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने वर्ष 2015 में भी भारी जनादेश के बाद गांधी मैदान में ही शपथ ली थी। उस वक़्त वह महागठबंधन के नेता थे, जिसे 178 सीटों की ऐतिहासिक जीत हासिल हुई थी। उसी तरह इस बार भी पटना से दिल्ली तक सियासी हलचलें तेज़ हैं और हर कोई नई सरकार के स्वरूप को लेकर अपने-अपने कयास लगा रहा है।
रविवार का दिन तो मानो सीएम आवास में राजनीतिक मेला बन कर उभरा। सुबह-सुबह केंद्रीय राज्य गृह मंत्री नित्यानंद राय पहुंचे और सीएम से लंबी मुलाक़ात की। उसके बाद ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र यादव तकरीबन डेढ़ घंटा मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे। इसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भी चर्चा का हिस्सा बने। दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, उपेन्द्र कुशवाहा सहित कई सियासी चेहरे मुख्यमंत्री से मिले।
दिल्ली से लौटे जदयू नेता संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह भी शाम होते-होते सीएम हाउस पहुंचे, जिसकी भनक लगते ही चर्चाओं का बाज़ार गरमा गया। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के प्रारंभिक ढांचे पर भी मंथन लगभग अंतिम चरण में है।
उधर, गांधी मैदान को 17 से 20 नवंबर तक आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने आधिकारिक वजह भले न बताई हो, लेकिन स्पष्ट है कि यहां विशाल मंच, सुरक्षा इंतज़ाम और हज़ारों लोगों की उपस्थिति को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना दिया है। बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट ले रही हैऔर यह करवट पटना के दिल, गांधी मैदान से पूरे देश को संदेश देने के लिए तैयार है।