Patna News: पटना डीएम का सख्त आदेश, गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के पहले जदयू और भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पर रोक, धारा 163 लागू

18 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगमन होने वाला है, ऐसे में प्रशासन किसी भी जोखिम को उठाने के मूड में नहीं है। इसलिए धारा 163 के साथ सुरक्षा घेरे को और मजबूत किया गया है।...

गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के पहले जदयू और भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पर रोक- फोटो : social Media

Patna News:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पटना में सियासी माहौल गरमा गया है। राजस्व विभाग के सर्वेक्षण कर्मचारी, उर्दू टीईटी अभ्यर्थी, TRE-4 के परीक्षार्थी और कई अन्य संगठन अपनी-अपनी मांगों को लेकर ज़ोरदार आंदोलन छेड़े हुए हैं। पार्टी कार्यालयों के घेराव और नारेबाज़ी ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। हालात इतने बिगड़ गए कि आज पटना के डीएम और एसपी ने जेडीयू और बीजेपी कार्यालय का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया।

डीएम ने स्पष्ट किया कि वीर चंद पटेल पथ पर पहले से धारा 144 लागू थी, अब धारा 163 भी लगा दी गई है। उन्होंने साफ कहा कि जो भी संगठन अब सड़कों पर हंगामा करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी और मुक़दमे दर्ज किए जाएंगे। दरअसल, पिछले दो हफ़्तों से सर्वेक्षण कर्मियों का आंदोलन और उग्र हो गया है। संविदा पर काम कर रहे कई कर्मचारियों को विभाग ने बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद से आंदोलन और तेज़ हो गया। पार्टी दफ़्तरों के लगातार घेराव से न सिर्फ़ यातायात व्यवस्था चरमराई है, बल्कि नेताओं और मंत्रियों के आने-जाने में भी बाधा पैदा हो रही है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के पटना दौरे के समय भी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया था। अब 18 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगमन होने वाला है, ऐसे में प्रशासन किसी भी जोखिम को उठाने के मूड में नहीं है। इसलिए धारा 163 के साथ सुरक्षा घेरे को और मजबूत किया गया है।

धरना-प्रदर्शन के लिए पटना में पहले से गर्दनीबाग का स्थायी स्थल मौजूद है, लेकिन चुनाव से पहले सभी संगठन सीधे सत्ता और गठबंधन दलों के दफ़्तर को घेरकर दबाव बनाने की रणनीति पर चल रहे हैं। यही कारण है कि कई बार लाठीचार्ज की नौबत आ चुकी है और दर्जनों आंदोलनकारी घायल भी हुए हैं।

साफ है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संगठनों का यह आंदोलन सिर्फ़ मांगों तक सीमित नहीं, बल्कि सियासी दबाव बनाने का एक औज़ार भी बन गया है। अब जब प्रशासन ने धारा 163 लगाकर सख़्ती का ऐलान कर दिया है।