highCourt decision - पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के बचा लिए 7.35 करोड़ रुपए, इस मामले में दिया बड़ा फैसला

highCourt decision - पटना हाईकोर्ट ने आज अपने एक बड़े फैसले से बिहार सरकार के करोड़ों रुपए बचा लिए। इस मामले में निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी।

Patna - पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग  के दफ्तर को अटैच करने वाले निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दिया है । जस्टिस एस बी पी सिंह ने राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग और उसके प्रधान सचिव की ओर से दायर हुई  सिविल विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया । 

 ये मामला एक मध्यस्थता पंचाट ( आर्बिट्रेशन में जारी अवॉर्ड ) को  प्रभावित करने से संबंधित है । गंडक परियोजना के तहत बने तटबंध की मिट्टी कटाई रोकने हेतु एक सरकारी ठेका फ़ुलार कंस्ट्रक्शंस नामके निर्माण कंपनी को दिया था ।  निर्माण कंपनी के साथ लागत खर्च  को लेकर जल संसाधन विभाग से विवाद हुआ। उस विवाद को  आर्बिट्रेशन ( मध्यस्थता )  हेतु रिटायर्ड हाई कोर्ट जज के पास भेजा गया ।  

 इस  मध्यस्थता में  कंपनी के पक्ष में करीब सात करोड़ पैंतीस लाख रुपए का पंचाट ( अवार्ड ) पास किया गया, जिसे जल संसाधन विभाग को भुगतान करना था। उस अवार्ड को बिहार सरकार की जल संसाधन विभाग ने पटना के जिला जज की कोर्ट में चुनौती दिया, लेकिन इस कोर्ट ने विभाग के केस को लंबित रखते हुए अवार्ड की रकम  का भुगतान करने का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिया । 

भुगतान नहीं होने पर जिला जज ने 31 जुलाई को विभाग के दफ्तर को , जो  पटना के पुरानी सचिवालय में  सिंचाई भवन के प्रथम तल्ला पर  स्थित है, उसे अटैच करने का निर्देश दिया ताकि अवार्ड की रकम को राज्य  सरकार से  वसूला जा सके । 

बिहार सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पी के शाही एवं स्थाई सलाहकार किंकर  कुमार ने बहस किया ।