Maner MLA Case: राजद विधायक भाई वीरेंद्र की बढ़ने वाली है मुसीबत!पंचायत सचिव ने SC/ST एक्ट के तहत FIR कराया दर्ज

Maner MLA Case: राजद विधायक भाई वीरेंद्र पर पंचायत सचिव को फोन पर धमकाने और गाली देने का आरोप लगा है। सचिव ने एससीएसटी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जानिए पूरा मामला और विधायक का जवाब।

RJD विधायक भाई वीरेंद्र पर FIR- फोटो : SOCIAL MEDIA

Maner MLA Case: बिहार के मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर चर्चा में हैं। एक वायरल ऑडियो क्लिप में वह पंचायत सचिव संदीप कुमार को फोन पर धमकाते और गाली-गलौज करते हुए सुने जा सकते हैं।विवाद की जड़ — एक मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए की गई कॉल, जिसमें सचिव ने विधायक से पहचान पूछ ली और अभिवादन नहीं किया। इसके बाद भाई वीरेंद्र भड़क गए और कहा कि तू पहचानता नहीं है मुझे? पूरे हिंदुस्तान में लोग जानते हैं। तुम्हें जूता मारूंगा।

प्राथमिकी दर्ज एससी/एसटी थाना में हुई शिकायत

फोन पर धमकी मिलने के बाद पीड़ित पंचायत सचिव संदीप कुमार ने पटना के एससी/एसटी थाना में विधायक के खिलाफ लिखित प्राथमिकी दर्ज कराई। आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक ने उन्हें प्रोटोकॉल के बहाने धमकाया। गाली-गलौज करते हुए कहा कि जूता मारूंगा। यह मानसिक उत्पीड़न और जातिगत आधार पर भय पैदा करने जैसा है। अब इस मामले में SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की संभावना बन रही है, जो विशेष रूप से गंभीर मानी जाती हैं।

विधायक का बचाव शब्द कड़े थे, लेकिन जनता के काम को लेकर कहा

विवाद बढ़ने पर भाई वीरेंद्र ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि  मैंने जो कहा, वह कड़ा ज़रूर था, लेकिन वह सचिव के गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से था। उन्होंने आगे लिखा कॉल रिकॉर्ड करके वायरल करना निजता का उल्लंघन और IT एक्ट के तहत अपराध है। सचिव ने जनता के काम में लापरवाही दिखाई। जनता को इस बात पर विचार करना चाहिए कि जो अधिकारी जनप्रतिनिधि से ऐसा बर्ताव करता है, वह आम लोगों से कैसा व्यवहार करता होगा?

कानून क्या कहता है? दोनों पक्षों पर संभावित कानूनी प्रभाव

इस मामले में दोनों पक्षों के कानूनी अधिकार और दायित्व हैं कि पंचायत सचिव की तरफ सेSC/ST एक्ट 1989 के तहत यदि धमकी जातिगत अपमान की श्रेणी में आती है तो यह गिरफ्तारी योग्य अपराध है। आईपीसी की धारा 504, 506 (धमकी और अपमान) भी लागू हो सकती है। विधायक की तरफ से आईटी एक्ट की धारा 66E (निजता का उल्लंघन) का उल्लेख किया गया कि अगर कॉल बिना अनुमति के रिकॉर्ड और वायरल किया गया तो सचिव पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है