Waqf Amendment Act 2025 : सहरसा में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सड़क पर उतरे मुसलमान, केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना, ‘अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद करो’ के लगाये नारे
Waqf Amendment Act 2025 : वक्फ संशोधन कानून बन गया है. लेकिन अभी तक इसका विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी सहरसा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों ने जुलुस का आयोजन किया....पढ़िए आगे

SAHARSA : केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आज शनिवार को सहरसा में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और इमारत-ए-शरिया के संयुक्त आह्वान पर आयोजित किया गया था, जिसमें जिले के लगभग सभी प्रखंडों से हजारों की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हुए। सुबह 8 बजे से ही सहरसा के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का जुटान शुरू हो गया था। देखते ही देखते यह जनसमूह एक विशाल जुलूस का रूप ले लिया। हाथों में तख्तियां, बैनर और झंडे लिए हुए प्रदर्शनकारी ‘वक्फ कानून वापस लो’, ‘अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद करो’ जैसे नारे लगाते हुए शहर की सड़कों पर उतरे। राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष तंजीम अहमद ने वक्फ बिल पर केन्द्र सरकार को घेरा।
शांतिपूर्ण मार्च शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से गुजरता हुआ पटेल मैदान पहुंचा, जहां यह आमसभा में तब्दील हो गया। सभा स्थल पर जनसैलाब देखने लायक था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सभा में महागठबंधन के जिला स्तरीय तमाम प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया और मंच से केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। वक्ताओं ने वक्फ संशोधन विधेयक को संविधान विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी करार देते हुए कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों पर सरकार का सीधा हस्तक्षेप होगा, जो न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाएगा।
सभा पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित माहौल में आयोजित की गई, जो तय समयानुसार दोपहर 12 बजे समाप्त हो गई। प्रशासन की ओर से भी इस मार्च पर नजर रखी गई और किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। प्रदर्शनकारियों की एकजुटता और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की शैली ने यह साफ कर दिया कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं और किसी भी अन्याय के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने के लिए तैयार है।
सहरसा से दिवाकर कुमार दिनकर की रिपोर्ट