Bihar Land Survey: आपकी जमीन के साथ भूमि सर्वे के ठीक बाद यह करने जा रही सरकार,हो जाइए तैयार..जान लीजिए
बिहार में 2025 तक भू-सर्वेक्षण का काम पूरा होगा। सरकार जमीन की प्रकृति और उपयोग को पुनः निर्धारित करेगी और भूमि विवाद समाधान के लिए नई पहल शुरू करेगी।
Bihar land survey: बिहार सरकार ने 2025 के अंत तक राज्य में भू-सर्वेक्षण (Land Survey) का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस सर्वेक्षण के तहत जमीन की प्रकृति और उपयोग का नए सिरे से निर्धारण होगा। यह पहल न केवल जमीन से जुड़े विवादों को कम करेगी, बल्कि भूमि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी।
जमीन की नई वर्गीकरण प्रक्रिया
1. भूमि की प्रकृति का निर्धारण:
भू-सर्वेक्षण के तहत हर प्रकार की जमीन को पुनः वर्गीकृत किया जाएगा। यह वर्गीकरण इस प्रकार होगा:
गैर-मजरुआ आम:
सरकारी जमीन, जो पंचायत के नियंत्रण में होती है।
गैर-मजरुआ खास:
सरकारी जमीन, जिसका नियंत्रण सीधे राज्य सरकार के पास होता है।
खास महल की जमीन:
यह सरकारी भूमि होती है जिसे लीज पर किसी कार्य के लिए दिया जा सकता है।
केसरे हिंद:
केंद्र सरकार के अधीन आने वाली जमीन।
पुश्तैनी या रैयती भूमि:
निजी संपत्ति जो खानदानी होती है और आसानी से बेची जा सकती है।
2. जमीन की किस्म का निर्धारण:
सर्वेक्षण के दौरान यह तय किया जाएगा कि जमीन:
धानहर (कृषि योग्य)
आवासीय (रहने योग्य)
भीठ (आवासीय के बगल की जमीन)
व्यावसायिक (कमर्शियल उपयोग)
3. भूमि लगान (Bihar Jamin Lagan):
नए सिरे से हर जमीन का लगान तय किया जाएगा।
जमीन विवाद समाधान के लिए सरकार की पहल
1. ADM राजस्व की भूमिका:
बिहार सरकार ने जमीन विवादों के समाधान के लिए ADM (राजस्व) को जिम्मेदारी सौंपी है।
भूमि विवाद निराकरण के तहत ADM राजस्व सभी शिकायतों की जांच करेंगे।
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का प्रावधान होगा।
2. बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 (BLDR):
इस अधिनियम के तहत:
जमीन की प्रकृति में बदलाव की शिकायतों की जांच होगी।
विवादित जमीन पर किसी भी अवैध कार्रवाई को रोका जाएगा।
3. गैर-मजरुआ जमीन के लिए प्रावधान:
गैर-मजरुआ आम और खास जमीन को लीज पर देने का प्रावधान नहीं है।
इन जमीनों पर खेती या अन्य कार्य अवैध माने जाएंगे।
भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य और लाभ
1. विवादों का समाधान:
सर्वेक्षण से भूमि के स्वामित्व और उपयोग के स्पष्ट रिकॉर्ड बनाए जाएंगे।
जमीन विवादों की संख्या कम होगी।
2. सरकारी जमीन की सुरक्षा:
गैर-मजरुआ और केसरे हिंद जैसी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की रोकथाम होगी।
पंचायत और सरकार के पास जमीन का सटीक डेटा रहेगा।
3. भूमि उपयोग की बेहतर योजना:
कृषि, आवासीय और व्यावसायिक जमीन का सही उपयोग सुनिश्चित होगा।
जमीन की प्रकृति के आधार पर विकास योजनाएं बनाई जा सकेंगी।
बिहार का भू-सर्वेक्षण 2025
बिहार का भू-सर्वेक्षण 2025 राज्य में भूमि प्रबंधन और विवाद समाधान के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। यह प्रक्रिया न केवल सरकारी जमीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि निजी संपत्ति के रिकॉर्ड को भी सटीक बनाएगी। सरकार के इस कदम से न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि भूमि विवादों में भी कमी आएगी। यह पहल राज्य के विकास और योजनाओं को नए आयाम दे सकती है।