साइबर अपराधियों से बचने का बताया गया तरीका, बिहार पुलिस सप्ताह 2025 के तहत DSP शैलेश प्रीतम के नेतृत्व में सिवान में चला जागरूकता अभियान
सिवान में बिहार पुलिस सप्ताह 2025 के तहत डीएसपी शैलेश प्रीतम की अगुवाई में साइबर जागरूकता अभियान आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य आम जनता को साइबर सुरक्षा के गुर सिखाना और साइबर अपराधों से बचाव करना था।
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Bihar Police Week 2025: बिहार पुलिस सप्ताह 2025 के तहत सिवान जिले में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में "साइबर जागरूकता अभियान" का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति आमजन को सजग करना, उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा के गुर सिखाना और साइबर कानूनों की जानकारी देना था। इस कार्यक्रम की बागडोर सिवान पुलिस के युवा एवं ऊर्जावान ट्रैफिक डीएसपी शैलेश प्रीतम ने संभाली, जिनके नेतृत्व में यह अभियान जन-जन तक पहुंचा और खासा सराहा गया।
कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
जगह और समय: सिवान जिला मुख्यालय के टाउन हॉल में 24 फरवरी 2025 को।
उपस्थिति: जिले के सैकड़ों नागरिक, स्कूल-कॉलेज के छात्र, महिला समूह, व्यवसायी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी।
डीएसपी शैलेश प्रीतम का मैसेज
कार्यक्रम की शुरुआत में डीएसपी शैलेश प्रीतम ने साइबर सुरक्षा को "आधुनिक समय की अनिवार्य आवश्यकता" बताते हुए जोर देकर कहा,
"आज हर व्यक्ति का मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट और बैंक डिटेल्स हैकर्स के निशाने पर है। फ़िशिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा चोरी और फेक न्यूज जैसे अपराधों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।"
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे:
1. किसी अज्ञात लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें।
2. सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें।
3. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें।
4. संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत *साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930* पर दें।
जनता को सिखाए गए साइबर सेफ्टी के टिप्स
फेक ऐप्स और वेबसाइट्स की पहचान: डाउनलोड करने से पहले ऐप की रेटिंग और रिव्यू जरूर चेक करें।
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड:*जन्मतिथि या "123456" जैसे आसान पासवर्ड से बचें, अक्षरों-संख्या-चिह्नों का मिश्रण बनाएं।
पब्लिक वाई-फाई का सतर्क उपयोग:* बैंकिंग लेनदेन या निजी डेटा शेयर करते समय सार्वजनिक नेटवर्क से बचें।
बायोमेट्रिक सुरक्षा: मोबाइल और लैपटॉप में फिंगरप्रिंट या फेस आईडी लॉक का प्रयोग करें।
इंटरएक्टिव सत्र और प्रैक्टिकल डेमो
अभियान की खास बात रही लाइव डेमोन्स्ट्रेशन के माध्यम से साइबर ठगी के तरीकों को समझाना। टीम ने दिखाया कि कैसे हैकर्स फेक कॉल, मैसेज या ईमेल के जरिए व्यक्ति के डिवाइस तक पहुँच बनाते हैं। साथ ही, Q&A सेशन में लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और समस्याओं का त्वरित समाधान पाया।
स्कूली बच्चों के लिए विशेष पहल
युवा पीढ़ी को डिजिटल दुनिया का सही इस्तेमाल सिखाने के लिए *"साइबर सुपरहीरो"* नामक प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें बच्चों ने साइबर सुरक्षा पर पोस्टर बनाए और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जागरूकता फैलाई।
अभियान का प्रभाव और भविष्य की रूपरेखा
डीएसपी शैलेश प्रीतम ने बताया कि इस अभियान के बाद जिले में साइबर अपराधों की शिकायतों में 30% की कमी आई है। उन्होंने घोषणा की कि सिवान पुलिस अब *"साइबर प्रहरी"* नामक एक समर्पित टीम बनाएगी, जो गांव-गांवजाकर डिजिटल साक्षरता अभियान चलाएगी। साथ ही, स्कूलों में नियमित वर्कशॉप आयोजित की जाएँगी।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में शामिल हुए रितेश कुमार (एक छोटे व्यवसायी) ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक छोटी सी क्लिक करने से मेरा बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। आज जो जानकारी मिली, वह मेरे लिए जीवनरक्षक है।"
साइबर सुरक्षा के मामले में एक मिसाल
बिहार पुलिस सप्ताह के इस पहल ने सिवान को साइबर सुरक्षा के मामले में एक मिसाल बना दिया है। डीएसपी शैलेश प्रीतम और उनकी टीम की यह कोशिश न केवल जागरूकता फैलाने में सफल रही, बल्कि यह साबित कर दिया कि तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस और जनता का सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार है।
सिवान से ताबिश इरशाद की रिपोर्ट