भारतीय शेयर बाजार में गिरावट, ट्रंप के टैरिफ और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में हलचल

भारतीय बाजार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों का गहरा प्रभाव पड़ता है। टैरिफ और बिकवाली के चलते बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।

 भारतीय शेयर बाजार में गिरावट, ट्रंप के टैरिफ और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में हलचल
Indian stock market- फोटो : social media

Indian stock market: भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसका प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने भी बाजार में गिरावट को बढ़ावा दिया है।

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

मंगलवार दोपहर को भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखी गई। दोपहर 1:41 बजे तक,

सेंसेक्स में 1,038 अंकों की गिरावट आई, जिससे यह 1.25% नीचे था।

वहीं, निफ्टी में 327 अंकों की गिरावट हुई, और यह 1.3% टूट गया।

मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भी 3.5% तक की गिरावट दर्ज की गई।

ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप ने एल्युमिनियम पर टैरिफ को 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया है, जो 4 मार्च से लागू होगा। यह नया टैरिफ अमेरिका के सभी स्टील और एल्युमिनियम आयात पर लागू होगा, जिसमें कनाडा और मैक्सिको जैसे प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी शामिल हैं। ट्रंप का मानना है कि इस कदम से अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। हालांकि, इससे वैश्विक व्यापार में हलचल मच गई है, और भारतीय बाजार पर भी इसका प्रभाव दिख रहा है।

भारत पर टैरिफ का असर

भारत अमेरिका को बहुत कम मात्रा में स्टील निर्यात करता है, लेकिन एल्युमिनियम के निर्यात में स्थिति अलग है। भारत दुनिया का एक बड़ा एल्युमिनियम उत्पादक है और अमेरिका उसका एक प्रमुख खरीदार है। ट्रंप के इस टैरिफ का सीधा असर भारत के एल्युमिनियम निर्यात पर पड़ सकता है।

वेदांता और हिंडाल्को जैसी भारतीय कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये कंपनियां समय के साथ नए बाजार खोज लेंगी, लेकिन तब तक इन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस फैसले का बड़ा असर तब देखने को मिला है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 फरवरी को अमेरिका यात्रा पर जाने वाले हैं।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक और बड़ा कारण विदेशी निवेशकों (FPI और FII) की बिकवाली है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में एफपीआई ने 78,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर बेच दिए।10 फरवरी तक, एफपीआई ने 7,342 करोड़ रुपये की निकासी कर ली थी। जनवरी 2025 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 23 में से 22 कारोबारी सत्रों में बिकवाली की, जिससे बाजार में गिरावट जारी रही।

बाजार के आगे के संभावनाएं

भारतीय बाजार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों का गहरा प्रभाव पड़ता है। टैरिफ और बिकवाली के चलते बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय कंपनियां नए बाजार और रणनीतियों के जरिए इस संकट से उभर सकती हैं।

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