Cyber Fraud: साइबर ठगों का शातिर दिमाग, भैंस दिलाने के नाम पर ठगी, पुलिस भी हैरान

एक तरफ सरकार साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधी भी लोगों को ठगने के नई नई तरकीब ईजाद कर रहे हैं। साइबर अपराधियों ने भैंस दिलाने के नाम ठगी की है...

Cyber Fraud
भैंस दिलाने के नाम पर ठगी- फोटो : Reporter

Cyber Fraud:बांका जिले के नवादा बाजार थाना क्षेत्र के मीरनगर निवासी रूपेश कुमार यादव को भैंस दिलाने के नाम पर 49500 रुपये की साइबर ठगी का शिकार होना पड़ा है। पीड़ित रूपेश ने साइबर थाना बांका में एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि 1 फरवरी को उन्हें मोबाइल नंबर 8306546977 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सरकारी पशु विभाग से बताते हुए भैंस दिलाने की बात कही।

रूपेश से  ठगों ने उनका आधार कार्ड और फोटो मांगा। उन्होंने अपना आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो भेज दिया। इसके बाद ठग ने उनका एक परमिशन कार्ड बनाया और कहा कि पशु शाम में गाड़ी पर लोड कर भेज दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने रूपेश से 5000 रुपये मोबाइल नंबर 7722805546 पर भेजने को कहा।

अगले दिन, ठग ने फिर फोन किया और कहा कि रास्ते में दिक्कत आ गई है, इसलिए 12500 रुपये और भेजने होंगे। रूपेश ने पैसे भेज दिए। इसके बाद ठग ने उनसे 12500 रुपये और फिर 17500 रुपये भेजने को कहा। रूपेश ने ये पैसे भी भेज दिए।इसके बाद ठग ने एक घंटे बाद 18000 रुपये और मांगे। रूपेश ने 18000 रुपये नहीं भेजे, तो ठग ने कहा कि 2000 रुपये भेज दो, पशु 2 घंटे में घर पहुंच जाएगा। रूपेश ने 2000 रुपये भी भेज दिए, लेकिन पशु नहीं आया।जब रूपेश ने फोन किया, तो ठग ने उनसे 18000 रुपये और मांगे। रूपेश ने पैसे देने से मना कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे। इस पर ठग ने गाली-गलौज करते हुए मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। इस तरह रूपेश के 49500 रुपये ठग लिए गए।

साइबर थाना अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही इसका पर्दाफाश किया जाएगा। ऐसे साइबर ठगी के मामलों से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर पैसे न भेजें और किसी भी लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं। अगर आपके साथ भी कोई ठगी होती है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

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