Land for Job Case : लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें, नौकरी के बदले जमीन घोटाला में कोर्ट ने जारी किया बड़ा आदेश, तेजस्वी को भी झटका

लालू यादव जब वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे उस दौरान उन पर रेलवे में ग्रुप डी कि नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने के आरोप लगे. इस मामले में अब कोर्ट ने लालू यादव को बड़ा झटका दिया है.

Land for Job Case
Land for Job Case- फोटो : news4nation

Land for Job Case : नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव, उनके पुत्र तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपियों को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपियों को समन जारी कर पेश होने का आदेश जारी किया है. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव सहित 78 लोगों पर आरोप है. 


कोर्ट ने इस ममले में अब लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी को तलब किया है. CBI के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद आदेश जारी किया . CBI ने इस मामले में 30 सरकारी कर्मचारियों समेत 78 लोगों को नामजद किया है. इस सबके खिलाफ मामला चलाने की अनुमति पहले को सीबीआई को मिल चुकी है. 


नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले की अगली सुनवाई अब 11 मार्च को होगी. इस लालू, तेजस्वी के साथ ही भोला यादव, प्रेम चंद गुप्ता को भी तलब किया गया है. प्रेम चंद्र गुप्ता ने लालू प्रसाद यादव के सहयोगी के रूप में काम किया था. वहीं लालू यादव के अन्य संतानों में हेमा यादव और तेज प्रताप यादव को आरोपी को बनाया गया है. माना जा रहा है कि अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिए लालू यादव भी पेश हो सकते हैं. 


क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला :

लालू यादव जब वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे उस दौरान उन पर रेलवे में ग्रुप डी कि नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने के आरोप लगे. इसी को लेकर बाद में उनके परिवार के कई सदस्यों के नाम आए कि उनके नाम पर जमीन ट्रांसफर हुआ. इसमें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव के नाम भी शामिल रहे.  


जनवरी 2024 में लालू और तेजस्वी से हुई थी पूछताछ

20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक, लालू से 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिनमें उन्होंने ज्यादातर जवाब 'हां' या 'ना' में दिए। पूछताछ के दौरान वे कई बार झुंझला भी गए थे। तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को करीब 10-11 घंटे तक पूछताछ की गई थी।


क्या हैं आरोप?

सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लीं। जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई। ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए।


सीबीआई की जांच और केस का दर्ज होना

सीबीआई को अपनी जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले, जहां उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी तब मिली जब उनके परिवार ने लालू परिवार को अपनी जमीन हस्तांतरित की। इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया। अब इस घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं, जिन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।

रंजन की रिपोर्ट 


Editor's Picks