Bihar Police: महिला के साथ पुलिस जवानों की सरेआम शर्मनाक हरकत, सड़क पर महिला को घसीटती वर्दी, सरकार देख लीजिए जनता-फ्रेंडली पुलिस का असली चेहरा
दो बांके पुलिस के सिपाही, अंधेरे में, सड़क किनारे, एक महिला को इस कदर खींचते हैं मानो किसी हथियारबंद गैंगस्टर को पकड़ रहे हों। महिला चीख़ रही है, विरोध कर रही है, लेकिन
Bihar Police:ये वहीं पुलिस है जिसे सरकार ‘पब्लिक फ्रेंडली’ कहकर मंचों पर तालियां बटोरती है, लेकिन जमीन पर इनके ‘जनता-सेवा’ का असली चेहरा सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। छतौनी थाना क्षेत्र में बाइक जांच के नाम पर हुई ये ‘कार्रवाई’ किसी अपराधी पर नहीं, बल्कि एक आम महिला पर हुई। और फिर दावा है कि बिहार में ‘महिला सम्मान’ सरकार की प्राथमिकता है!
वायरल वीडियो में साफ़-साफ़ दिखता है दो बांके पुलिस के सिपाही, अंधेरे में, सड़क किनारे, एक महिला को इस कदर खींचते हैं मानो किसी हथियारबंद गैंगस्टर को पकड़ रहे हों। महिला चीख़ रही है, विरोध कर रही है, लेकिन वर्दी में लिपटे इन ‘कानून के रखवालों’ के हाथ ज़रा भी ढीले नहीं होते। भीड़ देखती रही, मोबाइल कैमरे चलते रहे, और ‘पब्लिक फ्रेंडली’ पुलिस अपना ‘ऑपरेशन’ जारी रखती रही। महिला को इस तरङ खिचने का बिहार में काई कानून हो तो हमें जानकारी नहीं है। महिला को महिला पुलिस हीं पकड़ सकती है लेकिन यहां तो हुजूर के दो बांके पुलिस वाले हीं घसीट रहे है...
घटना बरियारपुर चीनी मिल के पास की बताई जाती है। पुलिस की बाइक जांच चल रही थी। इसी दौरान बाजार से लौटते एक दंपत्ति को रुकने का इशारा हुआ। लेकिन अंधेरा और सुनसान देखकर पति ने बाइक थोड़ा आगे रोक दी। बस यहीं से वर्दी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। पहले पति से बहस, फिर गरमागरमी, और जैसे ही महिला ने बीच-बचाव किया, पुलिसकर्मी सीधे उसी पर टूट पड़े।
जबरन खींचकर गाड़ी में बिठाने की कोशिश शुरू हो गई। महिला की चीखें सुनकर आस-पास के लोग दौड़े, और तभी मामला बिगड़ गया। थाने को खबर दी गई, थाना प्रभारी दल-बल के साथ पहुंचे, लेकिन तब तक भीड़ का गुस्सा पुलिस पर बरस चुका था। घंटों हंगामा, जमकर नारेबाज़ी, और पुलिस की ‘जनता सेवा’ का यह काला चेहरा पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया।
विडंबना यह है कि बिहार सरकार मंच से ‘महिला सुरक्षा’ और ‘सम्मान’ की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन सड़क पर वर्दीधारी इस तरह की हरकतें करके उन्हीं वादों को तार-तार कर देते हैं। सवाल उठता है क्या यह कानून की हिफाज़त है या सत्ता के गुरुर में लिपटी गुंडागर्दी?
वीडियो अब सोशल मीडिया पर धुआंधार वायरल है। हर फ्रेम, हर सेकेंड, पुलिस की उस सोच को उजागर कर रहा है जिसमें महिला भी ‘अपराधी’ की तरह ट्रीट की जाती है। अगर यही है ‘सुशासन’ तो ज़रा सोचिए, बदइंतज़ामी किसे कहते हैं।न्यूज4नेशन वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
यह घटना एक चेतावनी है कि वर्दी पहन लेना ही इज़्ज़त का सर्टिफिकेट नहीं है। जब तक पुलिस अपने आचरण में इंसानियत नहीं लाएगी, तब तक जनता के दिल में इनके लिए सिर्फ़ डर और गुस्सा ही रहेगा सम्मान नहीं।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                     
                     
                     
                    