Bihar News:सरकारी हुक्म की धज्जियाँ उड़ाता दबंग मुखिया, BDO बोले-हम क्या करें जनाब!"

Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के भलूरा पंचायत में पंचायत के फंड से लगभग ₹10 लाख की लागत से बन रहे पोखर घाट निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ...........

मुखिया की दबंगई और BDO की लाचारी- फोटो : reporter

Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के भलूरा पंचायत में पंचायत के फंड से लगभग ₹10 लाख की लागत से बन रहे पोखर घाट निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) द्वारा कार्य रोकने के आदेश के बावजूद, भलूरा पंचायत के मुखिया महेश राम लगातार निर्माण कार्य करवा रहे हैं, जिससे BDO की लाचारी और सरकारी आदेशों की खुलेआम अवहेलना उजागर हो रही है।

दरअसल, पोखर पर घाट निर्माण के दौरान घटिया सामग्री के उपयोग को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए औराई के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने संज्ञान लिया और तत्काल कार्य बंद करने का आदेश जारी किया।

मुखिया की दबंगई और BDO की लाचारी

हालांकि, प्रखंड विकास पदाधिकारी के आदेश के बावजूद, मुखिया महेश राम ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। सूत्रों के अनुसार, मुखिया को कथित तौर पर ₹10 लाख की राशि दिख रही है, जिसके कारण वे लगातार घटिया सामग्री से घाट का निर्माण करवा रहे हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी, जो पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं, इस मामले में पूरी तरह से बेबस नज़र आ रहे हैं। उनके आदेश की सरेआम अवहेलना की जा रही है और मुखिया उनके निर्देशों को मानने को तैयार नहीं हैं।

राजद नेता आकाश यादव का बयान

इस मुद्दे पर राजद नेता आकाश यादव ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भलूरा पंचायत के मुखिया महेश राम "अफसर का भी बात तानाशाह की तरह नहीं सुन रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अवैध और घटिया निर्माण कार्य कब तक जारी रहता है।

यह घटना बिहार सरकार की पंचायत प्रतिनिधियों को विकास के लिए दी जाने वाली राशि के दुरुपयोग और प्रखंड स्तर पर जवाबदेही की कमी पर गंभीर सवाल उठाती है। यह भी सवाल उठता है कि एक प्रखंड विकास पदाधिकारी के आदेश की खुलेआम अवहेलना कैसे की जा सकती है और ऐसे मामलों में प्रशासन की ओर से क्या ठोस कार्रवाई की जाएगी। क्या मुखिया के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी या यह मामला भी राजनीतिक दबाव में दब जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा